'भिखमंगा नहीं हूं...' ठाकुर विवाद में आनंद मोहन के बयान पर लालू यादव बोले- अपनी शक्ल देख ले
बिहार से राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान ओमप्रकाश वाल्मीकि रचित कविता ठाकुर के कुआं पर विवाद जारी है। पूर्व सांसद आनंद मोहन इसे ठाकुरों को अपमान बता रहे हैं तो वहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव ने इस बात पर आनंद मोहन को खरी-खरी सुनाई है। हालांकि आनंद मोहन ने भी अपना राजनीतिक रुख स्पष्ट करने की कोशिश की है।
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में राजद के सांसद मनोज झा (RJD MP Manoj Jha) की 'ठाकुर के कुआं' वाली कविता पर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस दौरान, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) के ठाकुरों को बदनाम करने वाले आरोपों पर उन्हें खरी-खोटी सुनाई है। वहीं आनंद मोहन ने भी अपना स्टैंड क्लियर किया।
दरअसल, शुक्रवार यानी 29 सितंबर को लालू के बड़े बेटे और नीतीश-तेजस्वी सरकार (Nitish-Tejashwi Government) में पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की ओर से स्कूल के बच्चों को जू सफारी के लिए भेजा गया। लालू यादव ने इन बच्चों की बस को झंडा दिखाकर रवाना किया।
इस दौरान, जब पत्रकारों ने लालू यादव से मनोज झा द्वारा महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर के कुआं' को लेकर सवाल पूछा तो जवाब में लालू ने कहा कि जितनी अक्ल होगी, उतना ही बोलेगा ना, वो अपनी शक्ल भी देखे। वहीं, जब राजद विधायक चेतन मोहन आनंद के विरोध करने पर कहा कि उसे भी अक्ल नहीं है।
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आनंद मोहन ने क्या कहा?
इससे पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन ने लालू यादव को इशारों-इशारों में अपना संदेश दिया था। आनंद मोहन ने कहा कि अगर हम किसी के साथ हैं, इसका यह मतलब कतई नहीं है कि हम राजनीतिक तौर पर भिखमंगा हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आप हमें एक या दो विधानसभा सीट पर समर्थन करेंगे तो हम 243 विधानसभा सीट पर आपका समर्थन करेंगे। अगर आप हमको एक लोकसभा सीट पर समर्थन करेंगे तो हम आपको 40 लोकसभा सीट पर समर्थन करेंगे।यह भी पढ़ें - 'मैं मायके चली जाऊंगी... ', थूकने-खांसने के बारे में लालू से पूछें नीतीश; गिरिराज की ललन सिंह को खरी-खरी
आनंद मोहन ने कहा कि हम अन्याय के खिलाफ लड़ने वालों में से हैं। मरते दम तक कमजोर और अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे।
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