गरुड़ को लेकर बिहार से एक और अच्छी खबर, अब खगड़िया के मानसी में भी दिखे पक्षी
भागलपुर के कदवा दियारा के बाद अब खगड़िया के मानसी में भी गरुड़ ब्रीडिंग सेंटर की संभावना दिख रही है। विश्व में अब तक मात्र तीन जगह ही इस श्रेणी में है जो गरुड़ (ग्रेटर एडजुटेंट) की ब्रीडिंग सेंटर के रूप में जानी जाती है।
By Akshay PandeyEdited By: Updated: Fri, 10 Dec 2021 05:41 PM (IST)
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। पक्षी विज्ञानियों को बिहार के भागलपुर के कदवा दियारा के बाद अब खगड़िया के मानसी में भी गरुड़ ब्रीडिंग सेंटर की संभावना दिख रही है। विश्व में अब तक मात्र तीन जगह ही इस श्रेणी में है जो गरुड़ (ग्रेटर एडजुटेंट) की ब्रीडिंग सेंटर के रूप में जानी जाती है। इनमें कंबोडिया के बाद असम और उसके बाद भागलपुर का कदवा दियारा है। कदवा दियारा में इनके संरक्षण को ले भी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के स्तर पर काम भी हो रहा है। विभाग के प्रधान सचिव दीपक सिंह ने बताया कि हाल ही में खगड़िया के मानसी में गरुड़ देखे गए हैं। यह बात सामने आ रही कि वहां भी इनकी संख्या है। इसका अध्ययन कराया जा रहा। लुप्त हो रहे गरुड़ के संरक्षण के लिहाज से यह बड़ी बात है।
आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ रही गरूड़ों की संख्याकुछ वर्ष पहले गरूड़ों की संख्या को लेकर एक सर्वे हुआ था। उस क्रम में यह बात सामने आयी थी कि विश्व भर में गरूड़ों की संख्या पंद्रह सौ है जिसमें अकेले पांच सौ गरूड़ भागलपुर के कदवा दियारे में हैं। इनके संरक्षण के लिए वहां घायल गरूड़ों का इलाज भी होता है।
गरुड़ों की उड़ान समझने को मुंबई नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी की मदद
गरुड़ों के संरक्षण के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मुंबई के नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी की मदद ले रहा है। गरुड़ों कहां जा रहे इस पर नजर रखने के लिए उन्हें जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ा जा रहा। इसके लिए राशि भी उपलब्ध करायी गयी है। रिंग किस्म के जीपीएस के लिए सरकारी एजेंसी ने जापान और कोरिया से भी संपर्क किया है। सौ से अधिक गरूड़ों मेे यह रिंग लगाए भी गए हैैं।
ग्रेटर एडजुटेंट यानी गरुड़
ग्रेटर एडुजुटेंट को स्थानीय भाषा में गरूड़ कहते हैं। हिंदु धर्म में गरुड़ धार्मिक आख्यानों से जुड़े हैं। यह स्टार्क परिवार का सदस्य हैं। आकार के लिहाज से यह बहुत बड़ा पक्षी है। इसकी लंबाई 145 से 150 सेमी तक होती है। इसका पंख औसतन 250 सेमी तक होता है।
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