अशोक चौधरी ने कांग्रेस में हैसियत का किया खुलासा, बताया- कहते थे गद्दार
कांग्रेस से जदयू में गए अशोक चौधरी ने कांग्रेस में अपनी हैसियत का खुलासा करते हुए कहा है कि वहां उन्हें गद्दार कहा जाता था। उन्होंने और क्या-क्या कहा, जानने के लिए पढ़ें खबर।
पटना [राज्य ब्यूरो]। कांग्रेस छोड़कर तीन विधान पार्षदों के साथ जदयू में शामिल हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार चौधरी ने कांग्रेस में अपनी हैसियत का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी स्थिति यह थी कि कांग्रेस में रहते हुए कांग्रेस के लोग उन्हें गद्दार कह रहे थे। पार्टी को तोडऩे का आरोप लगाया जा रहा था।
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में शिक्षा मंत्री रहे डॉ. चौधरी ने कहा कि एक साजिश के तहत पार्टी के कुछ लोगों की शह पर मुझे किनारे कर दिया गया। ऐसे में पार्टी में मेरा रहना संभव ही नहीं था। मेरी भूमिका कांग्रेस में एक याचक से अधिक कुछ और नहीं रह गई थी। यही वजह है कि मैैंने कांग्रेस को नमस्कार कर दिया। जागरण से बातचीत के क्रम में चौधरी ने ये बातें कही।
उन्होंने कहा कि मेरे बारे में कांग्रेस के कुछ लोगों द्वारा एक साजिश के तहत यह प्रचार कराया जा रहा है कि मैैंने मंत्री पद की लालच में कांग्रेस को छोड़ दिया। ऐसे लोगों को यह मालूम होना चाहिए कि जब राहुल गांधी ने कांग्रेस में वन मैन, वन पोस्ट की बात कही थी तब मैैं बिहार में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री दोनों था। मैैंने राहुल गांधी को तब यह ऑफर किया था कि मैैं मंत्री पद छोड़ दूंगा। संगठन का काम करना ही मुझे अच्छा लगेगा। मैैं पढ़ा-लिखा आदमी हूं। कोई व्यक्ति जीवन भर मंत्री नहीं रह सकता यह बात मैैं पूरी तरह से समझता हूं। वैसे अगर कोई मंत्री बनने के काबिल है और मंत्री बन जाता है तो फिर दूसरे की भूमिका इसमें कहां है।
डॉ. चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार की कार्यशैली मुझे पसंद है। यही वजह है कि मैैंने जब कांग्रेस से विदा होने का निर्णय लिया तो स्वाभाविक रूप से जदयू मेरी पहली पसंद थी।