'बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए', अशोक चौधरी की कविता पर उबाल; नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद छा गई शांति
बिहार में ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी द्वारा फेसबुक पर शेयर की गई एक कविता ने सियासी हलचल मचा दी। कविता को लेकर जदयू नेताओं ने इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर केंद्रित बताया। विवाद बढ़ने पर चौधरी को मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया। बाद में उन्होंने नीतीश कुमार के साथ एक फोटो शेयर कर विवाद को शांत करने की कोशिश की।
राज्य ब्यूरो, पटना। ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी के फेसबुक पर री-पोस्ट की गई कविता से पैदा हुआ विवाद दिनभर उबलकर शाम तक शांत हो गया। इस दौरान जदयू के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह कविता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर केंद्रीत है।
कविता की चर्चा इतनी तेज हुई कि चौधरी मुख्यमंत्री निवास बुला लिए गए। वहां से निकले तो उन्होंने अपने फेसबुक पर मुख्यमंत्री के साथ वाला एक फोटो पोस्ट किया। लिखा-आज की तस्वीर। गीत का मुखरा भी लिखा-कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।
चौधरी ने मंगलवार को मॉर्निंग मोटिवेशन टैग के साथ एक कविता पोस्ट की। विवाद होने पर बताया कि यह कविता उनके मित्र की पत्नी की है। मित्र ने भेजा था। हमें अच्छी लगी। री-पोस्ट कर दिया।
क्या है कविता?
कविता है:- बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए। एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना छोड़ दीजिए। बच्चे बड़े होने पर वो खुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना छोड़ दीजिए। गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें छोड़ दीजिए.....। चौधरी ने कहा कि नीतीश और वे एक दूसरे को प्यार करते हैं। बाकी लोगों की वे परवाह नहीं करते।
कविता पढ़ने के बाद कुछ पत्रकार जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री नीरज कुमार के पास पहुंचे।कहा कि फेसबुक की यह कविता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर इशारा करती है।नीरज ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि नीतीश कुमार के व्यक्तित्व पर कोई छद्म रूप से प्रहार नहीं कर सकता है। सीधा प्रहार करे और जवाब सुनने के लिए भी तैयार रहे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार वे ग्लोबल थिंकर हैं।क्लाइमेट लीडर हैं। बीते 19 साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं। विकास पुरुष हैं। इतने दिनों तक सरकार चलाने के बाद भी राज्य में सत्ता विरोधी रूझान नहीं है।
चौधरी गए मुख्यमंत्री निवास
इन्हीं चर्चाओं के बीच डॉ. अशोक चौधरी दोपहर मुख्यमंत्री निवास गए तो प्रचारित हुआ कि उन्हें तलब किया गया है। मुलाकात का विवरण चौधरी ने ही पत्रकारों को दिया। उन्होंने कहा कि वह प्रतिदिन मुख्यमंत्री निवास आते-जाते रहते हैं। कल भी दिन भर मुख्यमंत्री के साथ थे। उनके कहने का आशय यही था कि उनके मुख्यमंत्री निवास जाने से कविता प्रकरण का कोई संबंध नहीं है। जहां तक कविता का प्रश्न है, वह सामान्य है। उन बच्चों पर है, जो अभिभावक की बात नहीं मानते हैं।
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