सम्राट ने केंद्र सरकार से बिहार के लिए क्या-क्या मांग लिया? यहां देखें डिमांड्स; राज्य में अगले साल होना है विधानसभा चुनाव
बिहार के उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की विकास दर दो अंकों में है। इसे बनाए रखने के लिए विशेष सहायता की आवश्यकता है। साथ ही बिहार के लिए कई मांगों से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अवगत कराया। मालूम हो कि अगले वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव है। वहीं सम्राट ने केंद्र के सामने ये मांगे रख दी हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव हैं। इसके पहले बिहार के डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्र के सामने प्रदेश के लिए कई मांगे रखी हैं। साथ ही कई मांगों के पीछे कारण भी बताए।
बिहार ने केंद्र सरकार से बिजली के क्षेत्र में वन नेशन वन टैरिफ लागू करने की मांग की। बिहार बाहरी बिजली पर निर्भर है। इसके लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है।
बिजली के लिए बिहार को देनी पड़ रही ज्यादा कीमत
केंद्रीय प्रक्षेत्र से बिजली लेने पर बिहार को 4.81 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ता है। जबकि निजी क्षेत्र की बिजली दर 3.60 रुपये प्रति यूनिट है। शनिवार को नई दिल्ली में उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्री-बजट बैठक में यह मांग की।उप मुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि 2022-23 में बिहार का विकास दर देश में सर्वाधिक थी। यह तब 10.64 प्रतिशत था। वित्तीय अनुशासन, बेहतरीन प्रबंधन के कारण कम संसाधन होते हुए भी बिहार ने यह दर हासिल की है।बिहार को यह विकास की दर बनाए रखने के लिए अधिक आर्थिक सहायता की जरूरत है। वहीं, बिहार ने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) के तहत वर्तमान ऋण लेने की सीमा को तीन प्रतिशत से अधिक करने की मांग की।
एयरपोर्ट डेवलपमेंट के लिए इसी साल मांगी बजट राशि
राज्य सरकार ने हाल ही में नौ एयरपोर्ट- डेहरी, सहरसा, फारबिसगंज, मुंगेर, बेगूसराय, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, रक्सौल एवं गोपालगंज में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए चालू वित्तीय वर्ष के बजट में ही राशि उपलब्ध कराने की भी मांग की गयी।वहीं, राज्य सरकार ने केंद्र से पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेश वे, आमत-दरभंगा फोर लेन रोड के लिए राशि देने की मांग की। राज्य सरकार ने कहा बिहार में तकरीबन 20,418 किमी ग्रामीण सड़क है।
31 मार्च 2015 से पहले इसका रखरखाव केंद्र द्वारा किया जाता था, लेकिन पांच साल के बाद से इसका रखरखाव राज्य सरकार को करना पड़ रहा है। बिहार ने केंद्र से आग्रह किया कि रखरखाव की राशि 60: 40 के अनुपात में दें।
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