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सूद पर ले रखा था 25 लाख का कर्ज, चुकाने की बारी आई तो खुद के किडनैपिंग की रच डाली साजिश; 48 घंटे के बाद ऐसे हुआ बरामद

Bihar Crime News बिहार के मुंगेर में पुलिस ने अगवा हुए गौतम मंडल को 48 घंटे के अंदर धरहरा से बरामद कर लिया। गौतम के भाई मनीष कुमार ने 19 फरवरी को अगवा होने का केस दर्ज कराया था। इसमें दो को नामजद किया था। पुलिस ने जांच के क्रम में पाया कि गौतम ने खुद के अपहरण की साजिश रची थी।

By Rajnish Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 22 Feb 2024 07:23 PM (IST)
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कर्ज चुकाने की बारी आई तो युवक ने खुद के किडनैपिंग की रच डाली साजिश। (सांकेतिक फोटो)
संवाद सहयोगी, मुंगेर। बिहार के मुंगेर में मुफस्सिल थाना की पुलिस ने अगवा हुए गौतम मंडल को 48 घंटे के अंदर धरहरा से बरामद कर लिया। गौतम के भाई मनीष कुमार ने 19 फरवरी को अगवा होने का केस दर्ज कराया था। इसमें दो को नामजद किया था। पुलिस ने जांच के क्रम में पाया कि गौतम ने खुद के अपहरण की साजिश रची थी।

दरअसल, मुफस्सिल थाना क्षेत्र रामदीरी सीताकुंड गांव निवासी गौतम कुमार 18 फरवरी को घर से यह कहकर निकला था की वह जमालपुर जा रहा है, लेकिन देर रात तक वह घर नहीं पहुंचा। मोबाइल भी बंद आ रहा था।

ऐसे में परिवार वालों की चिंता बढ़ गई और दोस्त, रिश्तेदार के यहां खोजबीन की पर सफलता नहीं मिली। इसके बाद गौतम के भाई ने मुफस्सिल थाना में अपहरण का मामला दर्ज कराया। इस मामले में कुंदन कुमार और प्रेम प्रकाश को नामजद बनाया।

परिवार वालों ने आवेदन में पुलिस को बताया था कि नामजद आरोपित के साथ गौतम पैसे लेनदेन का कारोबार करता था, इसलिए इसका अप्रहारण किया गया है।

एसडीपीओ की टीम ने ऐसे खोली पोल

अपहरण का मामला दर्ज होते हुए पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने मामले का पर्दाफाश करने के लिए सदर एसडीपीओ राजेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई।

टीम में मुफस्सिल थानाध्यक्ष रूबी कांत कच्छप और स्पेशल शाखा के पदाधिकारी को शामिल किया गया। इसके बाद तकनीकी विज्ञानी अनुसंधान के बाद धरहरा बाजार से गौतम मंडल को बरामद कर लिया।

कर्ज नहीं लौटाने के लिए खुद बनाई प्लानिंग

पूरे मामले का उद्भेदन करते हुए थानाध्यक्ष रूबी कांत कच्छप ने बताया की गौतम मंडल का अपहरण नहीं हुआ वह खुद गायब हो गया था।

थानाध्यक्ष ने बताया कि गौतम मंडल जिस दिन घर से गायब हुआ था, उस दिन से ही मोबाइल बंद कर लिया। परिवार वालों को लगा कि गौतम का अपहरण लिया गया है।

18 की रात ही गौतम ने नया मोबाइल खरीदा और उसमें पुराना सिम कार्ड लगाकर परिवार वालों से बात की। इसके बाद सिमकार्ड को बंद कर दिया और मोबाइल में दूसरा सिम कार्ड लगा लिया। गौतम के मोबाइल का आइएमआइ जांच की गई। इस बीच मोबाइल का टावर लोकेशन मिला।

...तो इसलिए रची खुद के किडनैपिंग की साजिश

जांच के क्रम में पता चला कि गौतम किसी ट्रेन में है। इसके बाद स्पेशल टीम की मदद से काफी खोजबीन के बाद धरहरा बाजार से बरामद किया गया।

थानाध्यक्ष ने बताया की गौतम मंडल ने कई लोगों से 25 से 26 लाख रुपये सूद पर ले रखा है। कर्ज वापस करने में असमर्थ था और खुद ही अपहरण की प्लानिंग बनाया। गौतम का किसी ने अपहरण नहीं किया था।

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