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Ayodhya Ram Mandir : 22 जनवरी के वो कीमती 85 सेकंड... जब खुलेंगे राम मंदिर के पट, बिहार के RN Singh निभाएंगे अहम भूमिका

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा में बिहार के बेटे को यजमान बनने का सौभाग्य मिला है। डॉ. आरएन सिंह यजमान के रूप में पूरा में शामिल होंगे। मुख्य यजमान बनाए गए विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह से दैनिक जागरण ने खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा कि वह प्रभु राम की कृपा से ही यजमान बनने जा रहे हैं।

By Jitendra Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 10 Jan 2024 04:15 PM (IST)
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22 जनवरी के वो कीमती 85 सेकंड... जब खुलेंगे राम मंदिर के पट, बिहार के RN Singh निभाएंगे अहम भूमिका

जागरण संवाददाता, पटना। यह कृपा है प्रभु राम की, 500 वर्ष बाद अयोध्या धाम मंदिर में उनके प्राण प्रतिष्ठा पूजन में बिहार के बेटे को मुख्य यजमान बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सनातन संस्कृति-संस्कार में पुरोहित (पंडित जी) की आज्ञा अनुसार सपत्नीक वस्त्र धारण एवं आहार ग्रहण करेंगे। भारतीय सनातन संस्कृति में पुरोहित को यथा शक्ति-भक्ति द्रव्य-दक्षिणा यजमान के रूप में दान करेंगे। प्रस्तुत है, मुख्य यजमान बनाए गए विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह से दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता जितेंद्र कुमार की बातचीत के प्रमुख अंश:-

मुख्य यजमान के रूप पूजा पर बैठने के लिए कैसा वस्त्र धारण करेंगे, दक्षिणा में क्या देंगे?

भारतीय सनातन संस्कृति-संस्कार में पुरोहित के आज्ञानुसार पूजा के वस्त्र, आहार, द्रव्य-दक्षिणा का विधान है। पूजा में पत्नी कविता सिंह भी शामिल होंगी। सर्दी का मौसम है, तो पुरोहित की आज्ञानुसार धोती, कुर्ता, चादर धारण करेंगे। दक्षिणा में द्रव्य एवं कुछ सामग्री पुरोहित को भेंट करेंगे।

पूजा स्थल पर मुख्य यजमान के रूप में कब सम्मिलित होंगे?

पूजन कार्यक्रम 16 जनवरी से आरंभ हो जाएगा। पहले दिन प्रभु राम का रथारूढ़ पूजन, सरयू में स्नान से आरंभ होगा। दूसरे दिन से अन्नवास एवं शय्यावास पूजन होगा। 21 जनवरी से अन्य संस्कार पूजन व 22 को मुख्य प्राण प्रतिष्ठा के दिन सपत्नीक यजमान के रूप में शामिल होंगे।

प्राण प्रतिष्ठा पूजन में कितने लोग शामिल होंगे, आम लोगों को कब से प्रवेश मिलेगा?

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, 22 जनवरी को 12.22 बजे से 85 सेकेंड तक प्रभु राम मंदिर का पट खुलने का समय है। गर्भ गृह में केवल प्रधानमंत्री, संघ प्रमुख, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल, मुख्यमंत्री व मुख्य पुजारी रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा पूजन में 4,000 साधु-संत, 2,500 विशिष्ट अतिथियों में कारसेवक, हुतात्मा परिवार के सदस्य, राम जन्मभूमि आंदोलन में जेल गए एवं प्रताड़ित किए गए लोग या उनके स्वजन, देश के सभी पद्म सम्मान से विभूषित महानुभाव, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, प्रमुख राजनीतिक दल के प्रमुख एवं विदेश से भी लोगों को आने का न्योता दिया गया है। रामलला के पट खुलने के बाद प्रति घंटे 1,750 लोगों को दर्शन कराया जाएगा। लगभग 4.30 घंटे में साधु-संत एवं विशिष्ट अतिथि दर्शन कर सकेंगे, ऐसा अनुमान है।

सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, आवश्यक सेवाओं का क्या प्रबंध किया गया है?

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य आयोजन में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार शामिल है। मंदिर प्रांगण में निर्माण कार्य में कुछ भारी मशीनें व संरचना ऐसी हैं, जो हटाई नहीं जा सकती हैं। जो जगह है, उसी में 100 लोगों के लिए अलग-अलग सेक्टर में बैठने की व्यवस्था की जानी है। कार्यक्रम स्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर से विशिष्ट महानुभाव अकेले पैदल प्रवेश करेंगे। सुरक्षाकर्मी व सहयोगी को साथ प्रवेश की अनुमति नहीं है। इस कारण वृद्ध व बीमार लोगों से आग्रह किया गया है कि वे नहीं आएं। एक आमंत्रण पत्र पर एक ही व्यक्ति आ सकेंगे। आधार कार्ड व पहचान पत्र दिखाने पर ही प्रवेश मिलेगा।

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