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Ayodhya Ram Mandir: याकूब राममंदिर का कर रहा था विरोध, बदला लेने को जमा किए थे खतरनाक हथियार, PFI कनेक्शन से हिली पुलिस

Ayodhya Ram Mandir पीएफआइ मामले में पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार किया गया मो. याकूब खान अयोध्या में बन रहे राममंदिर का विरोधी था। उसने अयोध्या में राम मंदिर की जगह बाबरी मस्जिद बनाए जाने की बात इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट की थी। जब उसके इस पोस्ट का विरोध हुआ तो उसने ट्रोल करने वाले युवक से खतरनाक बदला लेने की ठानी।

By Rajat Kumar Edited By: Sanjeev KumarUpdated: Sun, 14 Jan 2024 12:52 PM (IST)
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याकूब कर रहा था राम मंदिर का विरोध (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना।  Bihar News Today: पापुलर फ्रंट आफ इंडिया ( PFI) मामले में पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार किया गया मो. याकूब खान अयोध्या में बन रहे राममंदिर का विरोधी था। उसने अयोध्या में राम मंदिर की जगह बाबरी मस्जिद बनाए जाने की बात इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट की थी। जब उसके इस पोस्ट का विरोध हुआ तो उसने ट्रोल करने वाले युवक से बदला लेने की ठानी।

ट्रोल करने वाले युवक से बदला लेने के लिए जमा किए थे हथियार

इसके लिए उसने हथियार और गोला-बारुद भी जमा किए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की जांच में ये बातें सामने आई हैं। एनआइए ने इस मामले में बीते शुक्रवार को पटना की एनआइए कोर्ट में गिरफ्तार आरोपित मो. याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान और शाहिद रजा के विरुद्ध पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया है। दोनों बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले हैं, जिन्हें पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया गया था।

अब तक की जांच से पता चला है कि मो. याकूब खान उर्फ सुल्तान उर्फ उस्मान पीएफआइ कैडरों के समूह का हिस्सा था। उसने गुप्त रूप से मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी लिया था। इसके उसने अलावा चाकू, तलवार और आग्नेयास्त्रों को चलाने की भी ट्रेनिंग ली थी।

इंटरनेट पर फैला रहा था नफरत

वह इंटरनेट मीडिया के साथ प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर भारत विरोधी हिंसक एजेंडे और गतिविधियों को आगे बढ़ाने का काम करता था।

पिछले साल रामशिलाओं का बनाया था वीडियो 

एनआइए के अनुसार, पिछले साल जनवरी के दौरान, जब राम शिलाओं को पूर्वी चंपारण के मेहसी क्षेत्र से होते हुए अयोध्या ले जाया जा रहा था, तब याकूब ने इंटरनेट मीडिया पर उसी का वीडियो साझा किया था।

इसमें उसने अयोध्या में राम मंदिर के बजाय बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण का समर्थन करने की अपील की थी। इस पोस्ट के बाद उसका जमकर विरोध हुआ। इसके बाद उसने पोस्ट पर टिप्पणी करने वाले एक विशेष समुदाय के युवक पर हमला करने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था की थी।

विदित हो कि पीएफआइ मामले में 26 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिनमें अब तक कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पीएफआइ 2047 तक भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने की साजिश पर काम कर रहा था।

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