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Ayushman Bharat Yojana: बिहार में 70+ आयु के 51 लाख बुजुर्ग, इन्हें मिलेगा आयुष्मान का लाभ

आयुष्मान भारत योजना के तहत बिहार में 70 वर्ष से अधिक आयु के 51 लाख बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की घोषणा की है। बता दें कि राज्य में 70-89 आयु वर्ग में करीब 36 लाख 25 हजार से अधिक बुजुर्ग हैं जबकि 80 वर्ष से ऊपर वाले बुजुर्गों की संख्या 14.50 लाख से अधिक हैं।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 12 Sep 2024 09:01 PM (IST)
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70+ आयु वाले बुजुर्गों को मिलेगा आयुष्मान योजना का लाभ।

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 70 वर्ष से अधिक के सभी बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) का लाभ देने की घोषणा की है। योजना के तहत इन्हें पांच लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री की घोषणा का बिहार के स्वास्थ्य मंत्री पांडेय ने स्वागत किया और कहा, प्रधानमंत्री ने 70 आयु वाले बुजुर्गों को बड़ा तोहफा दिया है। मंत्री पांडेय ने कहा कि केंद्र की घोषणा से बिहार के 70 वर्ष से अधिक उम्र के करीब 51 लाख बुजुर्ग लाभांवित होंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य में 70-89 आयु वर्ग में करीब 36 लाख 25 हजार से अधिक बुजुर्ग हैं, जबकि 80 वर्ष से ऊपर वाले बुजुर्गों की संख्या 14.50 लाख से अधिक हैं।

'यह एक ऐतिहासिक फैसला'

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस योजना को मंजूरी दी है। यह एक ऐतिहासिक फैसला है।

मंत्री ने कहा, लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में इस योजना की मंजूरी के वादे किए थे। जिन्हें पूरा किया जा रहा है। योजना से परिवार के बुजुर्ग महंगे इलाज के बोझ से मुक्त हो जाएंगे। 3437 करोड़ की मंजूरी दी गई है।

प्रदेश के सात सौ पंजीकृत स्टार्टअप में 107 का नेतृत्व महिलाओं के पास

प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2023-24 में सात सौ स्टार्टअप का पंजीकरण हुआ। उद्योग विभाग के आंकड़े के अनुसार इन सात सौ स्टार्टअप में 107 का नेतृत्व महिलाओं के हाथ में है। स्टार्टअप को 45.6 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गयी है। स्टार्टअप को लेकर यह व्यवस्था है कि उन्हें 25 लाख रुपए तक बिना ब्याज के ऋण और 50 लाख रुपए तक का मैचिंग ग्रांट भी दिया जाता है।

स्टार्टअप लिए बिहार में तीन बी-हब सह कार्यशील स्थल विकसित किए गए हैं। इनमें 311 लोग बैठकर अपना काम कर सकते हैं। आईआईटी पटना और अन्य प्रमुख संस्थानों में 21 इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए हैं जो प्रदेश के स्टार्टअप को विकसित करने में अपना योगदान करेंगे।

उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर स्टार्टअप इस तरह से आ रहे हैं जो आईटी आधारित हैं। स्टार्टअप सर्विस सेक्टर से मु्ख्य रूप से जुड़े हैं। उद्योग विभाग के स्तर पर पुराने व नए सभी तरह के स्टार्टअप की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था की गयी है। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े भी कई स्टार्टअप भी हाल के दिनों में आए हैं। कुछ स्टार्टअप कृषि क्षेत्र से भी जुड़े हुए हैं। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों के पैनल ने इनका चयन किया है।

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