बक्सर की सलोनी को आयुष्मान योजना से मिला पुनर्जीवन
पटना। समाज में गरीबी बड़ा अभिशाप है। अगर गरीबी से जूझ रहे किसी व्यक्ति को कोई बीमारी हो जाए तो वह बेमौत मारा जाता है। बक्सर के एक युवक की कुछ ऐसी ही व्यथा है।
पटना। समाज में गरीबी बड़ा अभिशाप है। अगर गरीबी से जूझ रहे किसी व्यक्ति को कोई बीमारी हो जाए तो वह बेमौत मारा जाता है। उसका जीवन नारकीय बन जाता है। कुछ इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं बक्सर जिले के राजपुर प्रखंड के रहने वाले मनोज कुमार साह। उनकी आठ साल की मासूम बेटी पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में जीवन और मौत से संघर्ष कर रही है। उन्होंने 13 जून को अपनी बेटी सलोनी को पीएमसीएच में भर्ती कराया था। उस समय उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था, लेकिन पीएमसीएच में जब से आयुष्मान कार्ड बना, उसकी बेटी को नया जीवन मिल गया है। बेटी का सारा इलाज अस्पताल प्रशासन की ओर से कराया जा रहा है।
मनोज कुमार साह वर्तमान में आठ वर्ष की बेटी सलोनी कुमारी को लेकर पीएमसीएच में भर्ती हैं। सलोनी 13 जून को छत से गिरकर घायल हो गई थी। हाथ टूटने के साथ उसके दिमाग में भी गंभीर चोट आई है। ब्रेन की हड्डी टूट कर अंदर धंस गई है। तब से उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। दुर्घटना होने के बाद सबसे पहले सलोनी को स्थानीय हॉस्पिटल में दिखाया गया, परंतु चिकित्सकों ने मरीज की गंभीरता देखते हुए पीएमसीएच रेफर कर दिया। यहां आने पर चिकित्सकों ने मरीज की समुचित रूप से जांच कराई। उसके बाद ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया। पीएमसीएच के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने 27 जून को सलोनी के ब्रेन का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। सलोनी अब ठीक से आंखें खोल रही है। हालांकि अभी भी उसे भूख नहीं लग रही है। सलोनी का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि उसकी तबियत में काफी सुधार हो गया है। सबकुछ ठीक रहा तो दो दिनों के बाद उसे घर जाने की छुट्टी दे दी जाएगी। पीएमसीएच में खुला है आयुष्मान को विशेष काउंटर