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Patna News: बकरी चराकर की तैयारी, अब IIT पटना में करेगी पढ़ाई; संघर्ष की कहानी जान आप भी हो जाएंगे भावुक

बदावथ मधुलता ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के तहत संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में 824वीं रैंक हासिल की। मधुलता की संघर्ष की कहानी बेहद भावुक करने वाली है। मधुलता ने बकरी चराकर आईआईटी क्रैक कर दिया। लेकिन अब नामांकन के लिए पैसे की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। मधुलता को अब आईआईटी पटना ने फ्री में पढ़ाने का फैसला किया है।

By Jai Shankar Bihari Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 26 Jul 2024 02:54 PM (IST)
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बदावथ मधुलता ने बकरी चराकर की आईआईटी की पढ़ाई (जागरण)

जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: सफलता परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती। तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला जिले की बदावथ मधुलता ने इसे सच कर दिखाया है। परिवार की आर्थिक तंगी ऐसी है कि जेईई एडवांस क्वालीफाई करने के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IIT) में नामांकन के लिए पैसे नहीं हैं।

आईआईटी पटना ने पूरी फीस माफ करने का लिया फैसला

IIT Patna को जब उसकी आर्थिक स्थिति की जानकारी मिली तो पढ़ाई के दौरान सभी तरह की फीस माफ करने का निर्णय लिया गया। खेतीहर मजदूर और बकरी पालन कर किसी तरह आजिविका चलाने वाले परिवार की बेटी मधुलता ने जेईई एडवांस में अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में 824वीं रैंक हासिल की है।

परिवार नामांकन के लिए पैसे नहीं जुटा सका

आईआईटी पटना में इंजीनियरिंग फिजिक्स में बीटेक के लिए चयनित हुई। लेकिन, उसका परिवार नामांकन व अन्य खर्चों के लिए आवश्यक 2.5 लाख रुपये नहीं जुटा सका। नामांकन सुरक्षित करने के लिए सिर्फ 17,500 रुपये का ही भुगतान कर सकी।

मधुलता के पिता रहते हैं बीमार

परिवार आर्थिक तंगी और पिता की बीमारी के कारण शेष राशि का भुगतान नहीं कर सका। 27 जुलाई तक फीस जमा करने का मौका दिया था। जब आईआईटी पटना प्रबंधन को उसके संघर्ष और परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी मिली तो सभी तरह के शुल्क माफ कर आवश्यकतानुसार सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया।

 आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि आइआइटी पटना पूर्व में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं की मदद करता रहा है। मधुलता को अब सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना है। उसे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना है।

पारिवार की आय का मुख्य स्त्रोत बकरी पालन 

परिवार की आय का मुख्य स्त्रोत बकरी पालन है। मधुलता ने बताया कि पढ़ाई के दौरान बकरी चराना आम बात है। वह ट्राइबल वेलफेयर जूनियर कालेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उसकी आर्थिक तंगी की दास्तान शिक्षकों ने इंटरनेट मीडिया पर साझा किया तो तेलंगाना सरकार भी हरकत में आई है।

मुख्यमंत्री की तरफ से भी की गई मदद

एक्स पर पोस्ट कर मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बदावथ मधुलता को हर स्तर पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री की पहल पर आदिवासी कल्याण विभाग ने उसकी शिक्षा के लिए आवश्यक धनराशि जारी कर देने की जानकारी दी।

आदिवासी कल्याण आयुक्त के मधुलता ने 2,51,831 रुपये की वित्तीय सहायता मांगी थी। पूरी राशि उपलब्ध करा दी गई है। हॉस्टल फीस, जिमखाना, ट्रांसपोर्ट, मेस फीस, लैपटाप आदि के लिए 1,51,831 रुपये प्रदान किये गए हैं।

परिवार के पास नामांकन शुल्क की पूरी राशि नहीं होने से हम सभी परेशान थे। राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद और आईआईटी पटना से फीस माफ करने की जानकारी मिलने के बाद खुशी बयान करने के लिए शब्द नहीं हैं। आईआईटी पटना में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। आईआईटी में पढ़ाई का सपना अब पूरा हो जाएगा। बदावथ मधुलता

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