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बाहुबली नेता आनंद मोहन रिहा: बेटे की शादी के लिए 15 दिन की पैरोल पर थे पूर्व सांसद, 27 अन्‍य कैदी छूटेंगे

विधि विभाग के आदेश के अनुसार 20 अप्रैल को राज्य दंडादेश परिहार पर्षद की बैठक में 14 वर्षों तक जेल में समय गुजारने वाले आजीवन कारावास प्राप्त कैदियों को मुक्त किए जाने की अनुशंसा राज्य सरकार से की गई थी।

By Kumar RajatEdited By: Deepti MishraUpdated: Mon, 24 Apr 2023 09:15 PM (IST)
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पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत 27 कैदियों की रिहाई का आदेश जारी
राज्य ब्यूरो, पटना : डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन को मुक्त करने का आदेश जारी हो गया है। आनंद मोहन के साथ एक दर्जन जेलों में बंद 27 बंदियों को मुक्त करने का आदेश दिया गया है। विधि विभाग ने सोमवार को इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया, जिसे तत्काल संबंधित जेल प्रशासन को भेज दिया गया है।

विधि विभाग के आदेश के अनुसार, 20 अप्रैल को राज्य दंडादेश परिहार पर्षद की बैठक में 14 वर्षों तक जेल में समय गुजारने वाले आजीवन कारावास प्राप्त कैदियों को मुक्त किए जाने की अनुशंसा राज्य सरकार से की गई थी। इसके बाद 27 कैदियों को मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। इनमें सबसे अधिक छह कैदी विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर में बंद हैं। इसके अलावा मुक्त कारागार बक्सर के पांच, केंद्रीय कारा गया के तीन, आदर्श केंद्रीय कारा बेउर के दो समेत मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, भागलपुर, आरा, सहरसा, अररिया, बिहारशरीफ और कटिहार जेलों में बंद कैदियों के नाम भी सूची में हैं।

पांच मानकों पर बंदियों को परखेंगे कारा अधीक्षक

विधि विभाग ने अपने आदेश में संबंधित कारा अधीक्षकों को बंदियों की सूची सौंपते रिहाई से पहले पांच मानकों के तहत आश्वस्त होने को कहा है। इसमें बंदी द्वारा 14 साल की वास्तविक संसीमन अवधि और परिहार सहित 20 वर्ष की अवधि पूरी की जा चुकी हो। इसके अलावा यह भी जांच करने को कहा गया है कि आजीवन कारावास के जस वाद में रिहाई का प्रस्ताव दिया गया है, उसके अलावा बंदी किसी अन्य मामले में सजायाफ्ता न हो। अगर ऐसा है, तो उसे रिहा नहीं किया जाएगा। इसके अलावा कारा अधीक्षक को यह भी पुन: आश्वस्त होने को कहा गया है कि अनुशंसित बंदी वास्तव में कारा मुक्ति योग्य है या नहीं।

सगाई के दिन ही जारी हुआ आदेश

पूर्व सांसद आनंद मोहन सहरसा मंडल कारा में बंद थे। फिलहाल, वह 15 दिनों की पैरोल पर जेल से बाहर हैं। सोमवार को ही उनके बेटे का सगाई समारोह भी था। इसके पूर्व बेटी की शादी को लेकर भी वह पैरोल पर बाहर आए थे।

जेल मैनुअल में किया गया है बदलाव

चौदह साल की जेल की सजा पूरी होने के बावजूद आनंद मोहन को सरकारी सेवक की हत्या का दोषी होने के कारण रिहाई नहीं मिल पा रही थी। राज्य सरकार ने इसी माह 10 अप्रैल को जेल मैनुअल के परिहार नियमों में बदलाव को कैबिनेट की स्वीकृति दी थी। बदलाव के बाद काम के दौरान सरकारी सेवकों की हत्या करने वाले बंदियों को भी स्थाई परिहार मिलने का रास्ता साफ हो गया था। शर्त यह भी रखी गई है कि रिहा होने वाले बंदी कारावास अवधि के दौरान अच्छा आचरण रखते हों।

इन बंदियों की होगी रिहाई

  1. बंदी - कारा का नाम
  2. आनंद मोहन - मंडल कारा, सहरसा
  3. दस्तगीर खान - मंडल कारा, अररिया
  4. पप्पू सिंह उर्फ राजीव रंजन सिंह - केंद्रीय कारा, मोतिहारी
  5. अशोक यादव - मंडल कारा, लखीसराय
  6. शिवजी यादव - आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर
  7. किरथ यादव - विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
  8. राजबल्लभ यादव उर्फ बिजली यादव - मुक्त कारागार, बक्सर
  9. कलक्टर पासवान उर्फ घुरफेकन - मंडल कारा, आरा
  10. किशुनदेव राय - मुक्त कारागार, बक्सर
  11. सुरेंद्र शर्मा - केंद्रीय कारा, गया
  12. देवनंदन नोनिया - केंद्रीय कारा, गया
  13. रामप्रवेश सिंह - केंद्रीय कारा, गया
  14. विजय सिंह उर्फ मुन्ना सिंह - केंद्रीय कारा, मुजफ्फरपुर
  15. रामाधार राम - मुक्त कारागार, बक्सर
  16. पतिराम राय - मुक्त कारागार, बक्सर
  17. हृदय नारायण शर्मा उर्फ बबुन शर्मा - केंद्रीय कारा, गया
  18. मनोज प्रसाद - आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर
  19. पंचा उर्फ पंचानंद पासवान - केंद्रीय कारा, भागलपुर
  20. जितेंद्र सिंह - मुक्त कारागार, बक्सर
  21. चंदेश्वरी यादव - केंद्रीय कारा, भागलपुर
  22. खेलावन यादव - मंडल कारा, बिहारशरीफ
  23. अलाउद्दीन अंसारी - विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
  24. मो. हलीम अंसारी - विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
  25. अख्तर अंसारी - विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
  26. मो. खुदबुद्दीन - विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
  27. सिकंदर महतो - मंडल कारा, कटिहार
  28. अवधेश मंडल - विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
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