सिवान : प्रतापपुर में खुशी, चंदा बाबू की आंखों से थम नहीं रहे आंसू
तेजाब हत्याकांड में मोहम्मद शहाबुद्दीन को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनके गांव प्रतापपुर में जश्न का माहौल है वहीं मृतकों के पिता चंदा बाबू का कहना है कि न्याय पर भरोसा नहीं।
By Kajal KumariEdited By: Updated: Sat, 10 Sep 2016 11:02 PM (IST)
पटना [वेब डेस्क]। मो. शहाबुद्दीन को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनके पैतृक गांव प्रतापपुर में खुशी का माहौल है। पटाखे चलाए जा रहे हैं, लोगों के बीच खुशियां हैं। गांव के लोगों का कहना है कि साहेब लंबे समय बाद गांव में आ रहे हैं। इस साल बकरीद की खुशी कई गुना बढ़ गई है।
लंबे अरसे के बाद गांव के साहेब उर्फ मोहम्मद शहाबुद्दीन के स्वागत की तैयारी में पूरा गांव जुटा हुआ है। वर्षों से बंद पड़े मोहम्मद शहाबुद्दीन के बंगले की साफ-सफाई की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि साहेब सिवान आने के बाद पहली मीटिंग गांव में ही अपने लोगों के बीच करेंगे और सबसे मिलेंगे।पिता ने कहा - बेटा आ रहा है, साथ मनाएंगे बकरीद मो. शहाबुद्दीन के पिता एसएम हसिबुल्लाह के चेहरे पर भी बेटे को जमानत मिल जाने की खुशी झलक रही है। पूछने पर बताया कि बेटा आवे वाला बाड़न। बेल हो गईल बा। ऐही से बंगला में साफ सफाई चलता। आ जईहें त साथे बकरीद मनाएम। वही राजद के जिलाध्यक्ष ने बताया कि 13 साल से अधिक समय से जेल में हैं। उन्हें केस में अनावश्यक फंसाया गया है।
पत्नी बोली 2003 से ही है इंतजार, कितनी खुश हूं कह नहीं सकती मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने बताई की हम 2003 से ही इंतजार कर रहे हैं कि वे घर कब आएंगे? 13 साल से ज्यादा हो गए। ऊपर वाले के घर में देर है, अंधेर नहीं। ऊपर वाले पर भरोसा किए बैठे थे कि न्याय होगा ही। सच्चाई एक-न-एक दिन सामने आ ही जाती है। आखिरकार उन्हें जमानत मिली, इस बात की खुशी है।
हिना ने बताया कि 13 अगस्त 2003 को प्रतापपुर कांड के सिलसिले में कोर्ट में हाजिर हुए थे। 2005 में जमानत मिला पर घर नहीं आए। जिलाबदर कर दिया गया। फॉल्स बिजली बिल के आरोप में उन्हें 2005 में ही दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। तबसे हमको उनके आने का ही इंतजार हैं।पीड़ित पक्ष ने जताया असंतोष
सीवान के चर्चित दोहरे अपहरण और तेजाब हत्याकांड के गवाह राजीव रौशन हत्या मामले में पूर्व राजद सांसद बाहुबली मो. शहाबुद्दीन को बुधवार को पटना उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने पर पीड़ित पक्ष ने असंतोष जाहिर किया है।तेजाब काण्ड के शिकार गिरीश राज और सतीश राज और उसके गवाह राजीव रौशन के माता-पिता ने हाई कोर्ट के इस फैसले को एक गलत और अन्यायपूर्ण फैसला बताया है। मृतकों के पिता चंदा बाबू ने कहा कि शहाबुद्दीन को तेजाब कांड में ही उम्र कैद के बजाय फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी लेकिन उम्र कैद की सजा मिलने के बाद भी हाईकोर्ट ने बेल दे दिया लिहाजा उन्हें राजीव रौशन हत्या मामले में भी पहले से ही अनुमान था कि शहाबुद्दीन को हाई कोर्ट जमानत दे देगी।चंदा बाबू ने कहा - न्याय से भरोसा उठ गया, नहीं जाएंगे सुप्रीम कोर्टउन्होंने कहा कि राज्य में शहाबुद्दीन की ही सरकार है ऐसे में उन्हें न्याय मिल पाने की कतई उम्मीद भी नहीं थी।वहीं उन्होंने अपनी आर्थिक रूप से तंगहाली और बदहाली और बुढापे का हवाला देते हुए हाईकोर्ट के बेल के इस फैसले के विरुद्ध उच्चत्तम कोर्ट में जाने से भी इनकार किया और अब एकमात्र ईश्वर पर अपना भरोसा जताया है।गौरतलब है कि 16 अगस्त 2004 को सीवान के जाने-माने व्यवसायी चंदा बाबू के दो लड़कों सतीश राज और गिरीश राज का अपहरण कर लिया गया था और तेज़ाब से नहला कर उनकी हत्या कर दी गयी थी। जिसमें तत्कालीन सांसद मो शहाबुद्दीन को मुख्य आरोपी बनाया गया था जबकि दोनों के तीसरे भाई राजीव रौशन ने खुद को घटना का चश्मदीद गवाह बताया था।पिछले वर्ष 11 दिसंबर को सीवान सिविल कोर्ट ने तेजाब कांड में शहाबुद्दीन को दोषी बताते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जिसमे दो मार्च 2016 को हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन को जमानत दे दिया। वही 16 जून 2014 को सीवान के डीएवी कॉलेज मोड़ पर हुए तेजाब कांड के एकमात्र चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की भी गोली मारकर हत्या किये जाने के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन को बेल दे दिया, जिसके बाद अब शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आ गए है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।