भागलपुर में बन रहे विक्रमशिला सेतु के निर्माण पर रोक, अब गंगा पर बन रहे दूसरे पुलों का क्या होगा
आइडब्ल्यूएआइ ने तकनीकी तौर पर यह व्यवस्था की है कि पुल के पूरे हिस्से का स्पैन सौ मीटर फासले का होना चाहिए। इस क्रम में आइडब्ल्यूएआइ ने भागलपुर में विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले चार लेन पुल के निर्माण पर रोक लगा दी है।
By Vyas ChandraEdited By: Updated: Sat, 09 Oct 2021 12:55 PM (IST)
पटना, राज्य ब्यूरो। गंगा नदी पर बनने वाले पुल के स्पैन का फासला अगर सौ मीटर से कम का हुआ तो भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (Inland Waterways Authority of India) से उसे अनुमति नहीं मिलेगी। आइडब्ल्यूएआइ ने तकनीकी तौर पर यह व्यवस्था की है कि पुल के पूरे हिस्से का स्पैन सौ मीटर फासले का होना चाहिए। इस क्रम में आइडब्ल्यूएआइ ने भागलपुर में विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले चार लेन पुल के निर्माण पर रोक लगा दी है। इस पुल की निविदा अब नए सिरे से करने की नौबत आ गयी है।
आइडब्ल्यूएआइ की तकनीकी व्यवस्था का आधारभारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की इस तकनीकी व्यवस्था का आधार पर्यावरण व वाणिज्यिक है। इस संबंध में यह कहा गया है कि अगर पुल के स्पैन का फासला सौ मीटर से अधिक का नहीं होता है तो उससे मालवाहक जहाज नहीं गुजर सकेंगे। इसके अतिरिक्त स्पैन का फासला सौ मीटर रहने से पानी का बहाव भी सही तरीके से होगा और अपेक्षाकृत गाद कम जमा होगा।
पूरे पुल के हिस्से का स्पैन सौ मीटर रखने की हिदायतआइडब्ल्यूएआइ का कहना है कि यह देखा जाता है कि जहां पुल बनता है वहां मुख्यधारा में स्पैन का फासला सौ मीटर तो कर दिया जाता है पर मुख्यधारा से अलग स्पैन का फासला 50 मीटर ही रखा जाता है। पर्यावरण की दृष्टि से यह उचित नहीं। इसलिए पुल के पूरे हिस्से का स्पैन का फासला सौ मीटर का होना चाहिए नहीं तो पुल निर्माण को अनुमति नहीं मिलेगी।
विक्रमशिला सेतु की निविदा अब नए सिरे से होगीविक्रमशिला सेतु के समानांतर चार लेन पुल के निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी थी। काम शुरू किए जाने की तैयारी थी पर मामला आइडब्ल्यूएआइ से अनुमति नहीं मिलने से अटक गया। इस पुल की डिजायन इस तरह की थी कि कई जगह पचास मीटर वाले स्पैन थे।400 करोड़ रुपए अतिरिक्त मांग रही निर्माण एजेंसी
विक्रमशिला पुल के लिए चयनित एजेंसी कह रही है कि उसे अगर सौ मीटर स्पैन पर डिजायन कर पुल बनाना होगा तो चार सौ करोड़ रुपए अधिक चाहिए। इस राशि को लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सहमति नहीं है। इन जगहों पर गंगा में नए पुल का होना है निर्माण1. शेरपुर-दिघवारा 2. जेपी सेतु के समानांतर दीघा-सोनपुर 3. गांधी सेतु के समानांतर 4.राजेंद्र सेतु के समानांतर मोकामा में
5. विक्रमशिला सेतु के समानांतर भागलपुर में 6. साहेबगंज-मनिहारी
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