बांग्लादेशी घुसपैठियों ने 66 लाख बिहारियों को किया बेरोजगार
भारत में रहने वाले कुल बांग्लादेशी घुसपैठियों में से 80 फीसद बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल और असम में रहते हैं।
पटना : भारत में रहने वाले कुल बांग्लादेशी घुसपैठियों में से 80 फीसद बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा असम में रहते हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों ने सिर्फ बिहार में ही 66 लाख लोगों के रोजगार पर कब्जा कर लिया है। वोट बैंक के कारण नेताओं ने घुसपैठिए और शरणार्थी के बीच के अंतर पर पर्दा डालने का काम किया है। भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) इसी से पर्दा उठाने का एक माध्यम है। उक्त बातें मंगलवार को एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट सभागार में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सह राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहीं। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के पटना चैप्टर ने एनआइसी, पीओके एवं बाल्टिस्तान की मुक्ति, बढ़ती जनसंख्या विकास के लिए चुनौती, जल व जलवायु संरक्षण तथा बढ़ता प्रदूषण विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया था। : हिन्दू शरणार्थी हैं और बांग्लादेश से आए मुस्लिम घुसपैठिए :
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए हिन्दू शरणार्थी हैं। वहां उन्हें धर्म के कारण परेशान किया गया। बहन-बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया। मंदिरों को तोड़ा गया। ऐसी स्थिति में देश छोड़ने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था। लेकिन, बांग्लादेश से आए मुसलमान के साथ ऐसी स्थिति नहीं थी। वह भारत मेंसंसाधनों पर कब्जे के लिए आए। भारत से पाकिस्तान गए 60 हजार से अधिक मुस्लिमों को अभी तक नागरिकता नहीं मिली है। भारत सदा से दूसरे धर्म व देश के नागरिकों को अपनाता रहा है। पारसी और यहूदी इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। : एनआरसी से किसी को डरने की जरूरत नहीं :