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Sand Mining: नामी बालू कारोबारी संस्था ब्रॉडसंस के मालिकों की फिर बढ़ सकती है टेंशन! ED के हाथ लगा एक और सबूत

बिहार की नामी बालू कारोबारी संस्था ब्रॉडसंस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कंपनी के खिलाफ ईडी के हाथ नए सबूत लगे हैं। लगभग 45 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी होने की बात सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय ने इस संबंध में बिहार की आर्थिक अपराध इकाई को जानकारी दी है। इसके साथ एजेंसी ने जांच करने का भी अनुरोध किया है।

By Sunil Raj Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 11 Sep 2024 08:57 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Sand Mafia बिहार की प्रमुख बालू कारोबारी संस्था ब्रॉडसंस पर शिकंजा और कसता जा रहा है। ब्रॉडसंस के खिलाफ चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के क्रम में जांच एजेंसी को इस कंपनी के खिलाफ और 45 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के प्रमाण मिले हैं।

इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इसकी जानकारी बिहार की आर्थिक अपराध इकाई को देकर इसकी जांच को लिखा है। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग मामले में कंपनी पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी की अनुशंसा (ED Action) के बाद आर्थिक अपराध इकाई इस कंपनी के निदेशक मंडलों में प्रमुख अशोक कुमार, सुभाष यादव, राधाचरण सेठ, कन्हैया प्रसाद के साथ-साथ धनबाद के मिथिलेश सिंह, बबन सिंह, जगनारायण सिंह, सतीश सिंह पर प्राथमिकी कर सकती है।

बालू के अवैध खनन के खिलाफ 75 से अधिक मामले

Bihar News यहां बता दें कि ये सभी लोग बालू सिंडिकेट का हिस्सा रहे हैं और औरंगाबाद व गया समेत के साथ ही विभिन्न जिलों में बालू के अवैध खनन के खिलाफ 75 से अधिक मामले दर्ज हैं।

थानों में दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय इसके निदेशक मंडलों पर अलग-अलग कार्रवाई कर चुका है। जांच के क्रम में जांच एजेंसी को राजस्व चोरी के मामले ब्रॉडसंस और आदित्य मल्टीकाम और इसके निदेशकों की मिली-भगत के प्रमाण मिल चुके हैं।

इनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। इससे पहले भी ईडी 80 करोड़ के राजस्व चोरी से जुड़े साक्ष्य इओयू को भेजे थे, जिसके आधार पर इओयू ने इनके खिलाफ एफआइआर की थी।

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