Bharat Ratna: अब तक 49 हस्तियों को मिला है भारत रत्न, बिहार के चार लोगों को मिला है यह सर्वोच्च सम्मान
भारत रत्न का सफर 70 वर्षों का है। पहली बार 1954 में भारत रत्न पुरस्कार दिए गए थे। तब से अब तक बीते 70 सालों में केवल 49 हस्तियों को ही देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न मिला है। बिहार के लिए यह भी गौरव की बात है कि बिहार के चार लोगों को भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया है।
कुमार रजत, पटना। भारत रत्न का सफर 70 वर्षों का है। पहली बार 1954 में भारत रत्न पुरस्कार दिए गए थे। तब से अब तक बीते 70 सालों में केवल 49 हस्तियों को ही देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न मिला है। बिहार के लिए यह भी गौरव की बात है कि बिहार के चार लोगों को भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया है।
यूं तो पहली बार 1954 में तीन शख्सितयों, भारत के गर्वनर जनरल रहे सी राजगोपालाचारी, देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक सीवी रमण को भारत रत्न दिया गया, मगर बिहार से पहला भारत रत्न सम्मान 1962 में मिला। बिहार के जीरादेई में जन्मे स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को यह सम्मान दिया गया।
इसके बाद 1999 में स्वतंत्रता सेनानी और आपातकाल के हीरो जयप्रकाश नारायण को भारत रत्न सम्मान दिया गया।
बिहार के लिए खुशी का मौका अगले दो साल में ही आ गया जब मशहूर शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान को भारत रत्न देने की घोषणा हुई। हालांकि, तकनीकी रूप से उन्हें उत्तर प्रदेश कोटे से सम्मान दिया गया।बिस्मिल्लाह खान का जन्म बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव में हुआ था। बाद में वह वाराणसी में बस गए मगर बिहार से जुड़ाव बना रहा। बिस्मिल्लाह खान को सम्मान मिलने के 23 साल बाद अब बिहार से एक और हस्ती जननायक कर्पूरी ठाकुर को उनकी जन्मशती पर भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा की गई है।
भारत रत्न बिधानचंद्र राय का भी था बिहार कनेक्शन
भारत रत्न पाने वाले एक और हस्ती का बिहार से गहरा नाता रहा। यह शख्सियत प्रसिद्ध डॉक्टर और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री रहे बिधानचंद्र राय हैं। यह वहीं बिधानचंद्र राय हैं, जिनके जन्मदिवस पर राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है।यह सुखद संयोग है कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे बिधानचंद्र राय का जन्म पटना के बांकीपुर मोहल्ले में हुआ था। इनका परिवार बंगाल से आकर बिहार में बसा था। इन्होंने पटना कालेजिएट और पटना कॉलेज से पढ़ाई की। बाद में मेडिकल की पढ़ाई के लिए बंगाल चले गए थे।
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