Bheem Sansad: 'संविधान निर्माताओं ने सभी तबकों के विकास की बात कही लेकिन...', भीम संसद में आए लोगों ने बड़ी बातें कह दीं
Bihar News राजधानी के वेटेनरी कालेज में आयोजित भीम संसद में कई लोग आए। यहां आए सभी लोगों ने अपनी-अपनी राय रखी। सुपौल से आए राजा मुराद ने कहा कि देश के संविधान निर्माताओं ने समाज के सभी तबके के विकास की बात कही थी परंतु कुछ तबके काफी आगे बढ़ गए और कुछ लोग काफी पिछड़ गए।
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी के वेटेनरी कालेज में आयोजित भीम संसद में आए लोगों के अपने-अपने विचार हैं, परंतु एक बात सभी ने स्वीकार की है कि इससे समाज के पिछड़े तबके को एकजुट करने में मदद मिलेगी। यही संदेश लेकर राज्य के कोने-कोने से आए लोग अपने-अपने गांव लौटे। ये बातें कार्यक्रम में आए लोगों ने कहीं।
सुपौल से आए राजा मुराद ने कहा कि संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के कई मायने हैं। देश के संविधान निर्माताओं ने समाज के सभी तबके के विकास की बात कही थी, परंतु कुछ तबके काफी आगे बढ़ गए और कुछ लोग काफी पिछड़ गए। ऐसे में इस तरह के कार्यक्रम पिछड़े तबके की ओर समाज एवं सरकार का ध्यान खीचेंगे।
ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति काफी खराब
वहीं, भागलपुर से आए अलीम अंसारी ने कहा कि भीम संसद में आए हर लोग सरकार की ओर आशाभरी नजरों से देख रहे है। अब सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि गांव-गांव से आए लोगों की आशाओं पर खरा उतरे। ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति काफी खराब है। खासकर उत्तरी बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में।
'नीतीश कुमार सभी वर्गों के नेता'
बक्सर से आए संजय केवट का कहना था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी वर्गों के नेता हैं। उन्होंने पिछले वर्षों में काम किया है, लेकिन अभी भी समाज का बहुत बड़ा तबका बदहाली की मार झेल रहा है। उनके प्रति सरकार ध्यान दे, तभी सही मायने में विकास हो सकता है।
सासाराम से आए मुकेश सिंह ने कहा कि गांवों की स्थिति में बड़े सुधार करने की जरूरत है। अभी भी लोग बेहद गरीबी में जीवन जी रहे हैं। सुधार की पहल गांवों तक जानी चाहिए तभी संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर का सपना साकार हो पाएगा।
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