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Bihar News: IPS आदित्य कुमार को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत, शराब मामले में बुरी तरह फंसे थे अधिकारी

Bihar News बिहार के गया जिले के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनपर शराब मामले में गंभीर आरोप लगे हैं। न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की एकलपीठ ने इस मामले पर बुधवार को सुनवाई की थी। फिलहाल वे एक अन्य मामले में जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आदित्य कुमार ने पांच दिसंबर को पटना के कोर्ट में सरेंडर किया था।

By Arun AsheshEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Fri, 15 Dec 2023 08:37 AM (IST)
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गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार को राहत (जागरण)

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार को पटना हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए जिले के फतेहपुर थाना में उनके खिलाफ शराबबंदी से जुड़े मामले में दर्ज एफआइआर पर लिए गए संज्ञान को समाप्त करने का आदेश दिया है।

न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की एकलपीठ ने इस मामले पर बुधवार को सुनवाई की थी। फिलहाल वे एक अन्य मामले में जेल में बंद हैं।

यह है मामला

वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने बताया कि मामला गया जिले में फतेहपुर थाना से संबंधित है। मार्च 2021 में संजय कुमार वहां के थानेदार थे। गश्ती दल द्वारा एक बोरे में अवैध शराब बरामद की गई थी। इसके बाद 26 मार्च 2021 को पुलिस ने एक सेंट्रो कार में रखी हुई करीब डेढ़ सौ लीटर शराब की खेप जब्त की, लेकिन दोनों ही मामले सिर्फ स्टेशन डायरी में दर्ज हुए।

इसकी जब्ती सूची नहीं बनी। प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हुई। हालांकि पुलिस मुख्यालय को भेजी गई एक रिपोर्ट के आधार पर फतेहपुर थाना में एक साल बाद 28 मई 2022 को थाना कांड संख्या 312/2022 दर्ज कराई गई थी।

इस मामले में तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार (Aditya Kumar) और सब इंस्पेक्टर संजय कुमार को नामजद किया गया था। फतेहपुर के इस केस में आदित्य कुमार को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी थी।

वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने हाईकोर्ट के समक्ष आदित्य का पक्ष रखते हुए कहा कि आदित्य कुमार के ऊपर कोई केस नहीं बनता था। थानेदार एवं एसएसपी के बीच पांच पद और होते हैं जैसे इंस्पेक्टर, डीएसपी, सिटी एसपी, एसपी और उसके ऊपर एसएसपी होते हैं। उनके ऊपर आइजी।

अगर इस मामले में केवल थानेदार और एसएसपी को शामिल किया गया है तो आइजी को भी शामिल किया जाना चाहिए था । शराबबंदी कानून की धारा 51 एवं 52 के तहत उनके खिलाफ कोई केस नहीं बनता है।

आदित्य पर हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बन फर्जी काल करने का भी है आरोप 

गौरतलब है कि शराब कांड को खत्म कराने के लिए आदित्य कुमार पर पटना हाई कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस के नाम पर राज्य के पूर्व डीजीपी संजीव कुमार सिंघल को वाट्सएप काल करने का आरोप लगा था।

इस मामले में पूर्व डीजीपी के बयान पर ही आर्थिक अपराध इकाई ने पिछले साल प्राथमिकी की थी। जिसके बाद कुछ महीनों तक गिरफ्तारी के डर से आदित्य फरार रहे।

निचली अदालत, हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आदित्य कुमार ने पांच दिसंबर को पटना के कोर्ट में सरेंडर किया था। जिसके बाद से वह बेउर जेल में बंद हैं।

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