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Bihar Politics: महागठबंधन सरकार में जारी 1100 करोड़ के टेंडर रद्द, जांच में मिली थी भारी गड़बड़ी, अब होगा एक्शन

Bihar News बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान टेंडर में हुई गड़बड़ी की जांच अब शुरू हो गई है। जांच-पड़ताल में इन निविदाओं के निपटारे की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई गई थी। नल-जल योजना सरकार के महत्वाकांक्षी सात निश्चय में से एक है। ये निविदाएं उस समय ललित यादव के पीएचईडी मंत्री रहते हुए स्वीकृत हुई थीं। अब इसकी आगे जांच की जाएगी।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 08 Mar 2024 02:06 PM (IST)
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तेजस्वी के समय पास किए गए टेंडर की होगी जांच (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Hindi:  महागठबंधन सरकार के दौरान लिए गए निर्णयों की राजग सरकार समीक्षा कर रही और आवश्यक समझने पर उन्हें निरस्त भी कर रही। विधानसभा के लिए सुरक्षा प्रहरियों की नियुक्ति पर रोक लगाने के निर्णय के बाद गुरुवार को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) में नल-जल योजना से संबंधित 1100 करोड़ की निविदाएं रद कर दी गईं। विभागीय समीक्षा के बाद उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह कठोर निर्णय लिया।

उनके पास पीएचईडी का दायित्व भी है। जांच-पड़ताल में इन निविदाओं के निपटारे की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई गई थी।  नल-जल योजना सरकार के महत्वाकांक्षी सात निश्चय में से एक है। ये निविदाएं उस समय ललित यादव के पीएचईडी मंत्री रहते हुए स्वीकृत हुई थीं। बता दें कि ललित यादव तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की पार्टी आरजेडी से हैं।

वे महागठबंधन सरकार में राजद कोटे से मंत्री थे। उल्लेखनीय है कि नई सरकार के गठन के तत्काल बाद निर्णय लिया गया था कि राजद कोटे के मंत्रियों के कार्यों व निर्णयों की समीक्षा होगी और खामी-खोटी पाए जाने पर वे निरस्त भी किए जाएंगे। अब उसी अनुसार पहल हो रही है।

बैठक के बाद विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नल-जल योजना के तहत पूर्ववर्ती सरकार में लगभग 4706 करोड़ की निविदाएं हुई थीं। उनमें से बड़ी संख्या में एकल निविदाएं और मैनेज करके दो निविदाओं वाले काम में गड़बड़ी पाई गई।

अंतत: गड़बड़ी वाली सारी निविदाओं को रद कर पारदर्शी तरीके से नई निविदाओं के लिए आदेश जारी किया गया है। संयोग ही है कि मैं भी नया हूं और प्रधान सचिव भी नए आए हैं। अब तीन पहल हो रही है। इससे पेयजल का संकट नहीं होगा।  

पंप में चिप लगाई जाएगी

गांवों में लगे सारे पंप में इंटरनेट बेस्ड चिप लगाए जाएंगे। इससे पता चलेगा कि कौन-सा पंच चालू है और कौन-सा नहीं। मुख्यालय से मानीटरिंग सहज होगी। 2021 में भी चर्चा हुई थी, लेकिन व्यवस्था लागू नहीं हुई। 02. टाल फ्री नंबर : पीएचईडी की ओर से टाल फ्री हेल्प-लाइन नंबर (18001231121) भी उपलब्ध कराया गया है, जिस पर छह से आठ बजे तक शिकायत-सलाह दी जा सकती है।

पहले यह नौ से पांच बजे तक ही चालू रहता था। 03. निगरानी प्राधिकार : कार्य निरीक्षक के 1114 पद स्वीकृत किए गए हैं। हर प्रखंड में दो कार्य निरीक्षक रहेंगे, जो योजनाओं का निरीक्षण करेंगे और उनके सुचारू क्रियान्वयन के लिए आवश्यक पहल भी।

पंचायती राज से प्राप्त योजनाएं

सिन्हा ने बताया कि पीएचईडी को 70157 योजनाएं पंचायती राज से मिलीं। उनमें से 14976 पूर्णत: चालू, 32115 आंशिक चालू और 23066 बंद थीं। आंशिक रूप से चालू योजनाओं में से 11879 को पूर्ण रूप से चालू किया गया है। बंद योजनाओं में से 12675 को चालू किया गया। कुल 56447 वार्डों में नल-जल योजना पहुंचाई जानी है। अब तक 55951 वार्डाें में काम पूरा किया जा चुका है। 83.24 लाख घरों में जलापूर्ति की जा रही है।

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