Bihar News: बिजली सप्लाई करेंगे किसान, खेतों में लगेंगे सोलर पावर प्लांट; विद्युत कंपनी से होगा एग्रीमेंट
बिजली कंपनी ने यह निविदा निकाली थी कि जो किसान अपनी जमीन पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगाना चाहते हैं वह इसके लिए निविदा करें। जमीन उनकी रहेगी और निविदा के माध्यम से सोलर पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी भी तय होगी। किसानों और सोलर पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी के बीच करार होगा। किसानों को जमीन की एवज में राशि तो मिलेगी ही इसके साथ ही अन्य लाभ भी होंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। अन्नदाता अब बनेंगे ऊर्जा प्रदाता। किसानों को ऊर्जा प्रदाता बनाने की कवायद के तहत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाली 27 कंपनियों ने दिलचस्पी ली है। इस योजना के माध्यम से किसानों के लिए बने एग्रीकल्चर फीडर को बिजली उपलब्ध करायी जाएगी।
किसानों की जमीन पर बनना है सोलर पावर प्लांट
सोलर पावर प्लांट लगाने की यह योजना मुख्य रूप से किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य है। बिजली कंपनी ने यह निविदा निकाली थी कि जो किसान अपनी जमीन पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगाना चाहते हैं वह इसके लिए निविदा करें।
जमीन उनकी रहेगी और निविदा के माध्यम से सोलर पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी भी तय होगी। इसके माध्यम से किसानों और सोलर पावर प्लांट लगाने वाली कंपनी के बीच करार होगा। करार के तहत किसानों को जमीन देने के एवज में राशि तो मिलेगी ही इसके साथ ही अन्य लाभ भी होंगे।
सोलर पावर प्लांट ग्रिड कनेक्टेड होगा। यानी संबंधित एग्रीकल्चर फीडर द्वारा उपयोग के बाद की बिजली का उपयोग बिजली कंपनी कर लेगी और उसकी जो राशि मिलेगी उसमें किसानों का भी एक हिस्सा होगा।
1.60 लाख पंप के लिए की गयी थी निविदा
बिजली कंपनी ने 1.60 लाख पंप के लिए निविदा की थी। एक एग्रीकल्चर फीडर में आम तौर पर 10 से 15 पंप रहते हैं।सौर ऊर्जा कंपनियों का फायदा
सौर ऊर्जा कंपनियों को इस योजना का फायदा यह है कि उन्हें एक मेगावाट की इकाई पर 1.05 करोड़ रुपए की सब्सिडी केंद्र से तथा 45 लाख रुपए की सब्सिडी राज्य सरकार से मिलनी है। एक मेगावाट की इकाई स्थापित करने की लागत लगभग पांच करोड़ रुपए है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।