बिहार की वनीकरण योजना की संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में प्रशंसा, पहली बार किसी राज्य ने पेश किया था हरित बजट
संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन ‘कॉप-28’ में बिहार सरकार की तरफ से चलाए जा रहे वनीकरण अभियान विशेष रूप से ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रशंसा मिली। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने बताया कि जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत वृहत स्तर पर किए गए पौधारोपण एवं नर्सरी विकास के कार्यों की सराहना हुई।
By Mritunjay ManiEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sat, 02 Dec 2023 11:47 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना। दुबई में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन ‘कॉप-28’ में बिहार सरकार की तरफ से चलाए जा रहे वनीकरण अभियान, विशेष रूप से ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रशंसा मिली।
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए बिहार में पौधारोपण से संबंधित एक प्रस्तुति को अंतरराष्ट्रीय पटल पर रखा गया। कार्यक्रम में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आशुतोष एवं निदेशक पारिस्थितिकी व पर्यावरण सुरेंद्र सिंह ने भाग लिया।
जल जीवन हरियाली अभियान की सराहना
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने बताया कि 'जल जीवन हरियाली अभियान' के अंतर्गत वृहत स्तर पर किए गए पौधारोपण एवं नर्सरी विकास के कार्यों की सराहना हुई।विभाग द्वारा पौधारोपण के साथ वन क्षेत्रों में मृदा एवं जल संरक्षण के कार्य से अच्छे परिणाम की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया गया। पौधारोपण से कार्बन उत्सर्जन में बिहार की भूमिका की प्रशंसा की गई। पौधारोपण में समुदाय की अधिक भागीदारी रही है।
बिहार के ग्रीन बजट पर प्रस्तुतिकरण
राज्य सरकार के इस अभिनव प्रयोग की सराहना हुई तथा इसे अन्य राज्यों एवं देशों में भी क्रियान्वित किए जाने की संभावना पर विचार किया गया। बिहार राज्य की ग्रीन बजट बनाने की परिकल्पना पर भी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रकाश डाला गया।चार वर्षों में डेढ़ लाख से अधिक जल निकायों का निर्माण
सचिव ने बताया कि कार्यक्रम के परिणामस्वरूप चार वर्षों की अवधि में डेढ़ लाख से अधिक जल निकायों का निर्माण और जीर्णोद्धार हुआ है। 2012-13 के बाद से कुल 381.008 मिलियन पौधारोपण के साथ राज्य में हरित आवरण 2019 के 9.9 से बढ़कर 2021 में 14.75 प्रतिशत हो गया है।
जल जीवन हरियाली अभियान के अनुभव को जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों, अनियमित बाढ़ और सूखे का सामना करने वाले दक्षिण एशियाई देशों और उप सहारा अफ्रीका में दोहराया जा सकता है।
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