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Bihar News: घूसखोर उप निदेशक पर किसकी कृपा? गिरफ्तारी के 3 महीने बाद भी नहीं हुआ एक्शन; कर्मियों को वेतन के पड़े लाले

बिहार कृषि निदेशालय में घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार उप निदेशक विभु विद्यार्थी पर शीर्ष अधिकारियों की कृपा बरस रही। तीन महीने बाद भी वह अपने मूल पद पर बने हुए हैं जिससे किसानों और कर्मचारियों को परेशानी हो रही। 30 से अधिक कर्मी वेतन से वंचित हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक विभु की भ्रष्टाचार की कमाई में साझेदारी करने वाले पूरे प्रकरण पर लीपापोती करने में जुटे हुए हैं।

By Raman Shukla Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sat, 05 Oct 2024 03:41 PM (IST)
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तीन माह से जेल में, फिर भी कृषि उप निदेशक के पद पर कायम। (सांकेतिक फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कृषि निदेशालय में घूस लेते गिरफ्तार हुए उप निदेशक विभु विद्यार्थी पर शीर्ष अधिकारियों की गजब की कृपा बरस रही है।

निगरानी द्वारा संयुक्त निदेशक के अतिरिक्त प्रभार वाले पद से गिरफ्तार किए जाने के तीन महीने बाद भी विभु अपने मूल पद पर उप निदेशक (शष्य) बीज निरीक्षण बना हुआ है।

विभु विद्यार्थी कामकाज नहीं कर रहा, क्योंकि जेल में हैं, लेकिन पद पर कायम हैं। इसका खामियाजा किसानों के साथ उप निदेशक कार्यालय में कार्यरत कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है। विभु के कारण 30 से अधिक कर्मी तीन महीने से वेतन से वंचित हैं।

कर्मियों के लिए अक्टूबर वेतन-विहीन चौथा महीना होगा। अगले माह दशहरा और छठ है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को इसका तनिक भी ख्याल नहीं।

नाम नहीं छापने की शर्त पर विभागीय कर्मी बताते हैं कि विभु की भ्रष्टाचार की कमाई में साझेदारी करने वाले पूरे प्रकरण पर लीपापोती करने में जुटे हुए हैं। यही कारण है कि अभी तक विभु को उप निदेशक पद से निलंबित नहीं किया गया है।

बताते हैं कि उसे मूल पद से इस कारण निलंबित नहीं किया जा रहा, ताकि उसकी वेतन-वृद्धि व प्रोन्नति प्रभावित न हो। प्रभार वाले पद से गिरफ्तारी दिखाकर उसे मूल पद पर बचाए रखने का तिकड़म है।

अब तक का अनोखा मामला

उप निदेशक (शष्य) बीज निरीक्षण कार्यालय में तैनात कर्मियों में 25 हजार मासिक से लेकर लाख रुपये वेतन पाने वाले कुछ अधिकारी भी हैं। कृषि निदेशालय के कर्मियों का कहना है कि विभाग के इतिहास में यह अनोखा मामला है।

अफसर मिलीभगत कर विभु को बचाने में लगे हैं, लेकिन वेतन से वंचित कर्मियों की कोई सुधि लेने वाला नहीं। किसान भी बिलबिला रहे। बीज जांच कार्य प्रभावित है। बीज वितरण, खाद एवं कीटनाशक आदि से संबंधित जांच कार्य भी ठप हैं।

25 जुलाई को हुई थी गिरफ्तारी

विभु को संयुक्त निदेशक (शष्य) के पद पर रहते हुए निगरानी ने 25 जुलाई को तीन लाख रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। अभी वह बेउर जेल में है।

खाद दुकानदार नीरज कुमार ने 15 जुलाई को निगरानी ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि विभु और उनके कार्यालय लिपिक सत्यनारायण ने पूर्व में मांगे गए स्पष्टीकरण को समाप्त कर दोषमुक्त करने के एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी है।

पटना के जिला कृषि पदाधिकारी रहते हुए विभु ने स्पष्टीकरण मांगा था। उसके बाद प्रोन्नति पाकर वह उप निदेशक बना। पहुंच-प्रभाव के बल पर अतिरिक्त प्रभार में संयुक्त निदेशक का पद भी हासिल कर लिया।

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