Pollution in Bihar: प्रदेश की हवा देश में सबसे प्रदूषित, 5 शहरों में वायु की गुणवत्ता सामान्य से आठ गुना खराब
राजधानी पटना समेत बिहार के बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान समय में बिहार की हवा देश के बड़े औद्योगिक शहरों की तुलना में सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। मुजफ्फरपुर सिवान दरभंगा कटिहार सहित कई जिलों में हवा जहरीली हो गई है।
By Jitendra KumarEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Sun, 18 Dec 2022 04:12 PM (IST)
पटना, जागरण संवाददाता। वायु प्रदूषण मानव जीवन का ऐसा शत्रु बन रहा है, जिसे लोग देख नहीं पाते हैं। राजधानी पटना में कभी लोग बगीचे में आकर पेड़ गिनते थे। अब पेड़ नहीं सांसे गिन रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की हवा देश के बड़े औद्योगिक शहरों की तुलना में सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। वायु में पीएम 2.5 का स्तर प्रति घनमीटर 40 से 60 माइक्रोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए लेकिन मानक से सात गुना खराब हवा पटना सहित प्रदेश के शहरों की हो गई है। वायु प्रदूषण के कारण कितनी मौतें हो रही है किसी स्तर पर प्रमाणिक रिपोर्ट नहीं है। वैसे चिकित्सा जगत में फेफड़े और अस्थमा की बीमारी से मरने वाले औसत आठ में दो लोग प्रदूषित हवा वजह मानते हैं।
पटना में वायु प्रदूषण की पांच प्रमुख कारण सामने आए हैं। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने परिवहन विभाग, खनन विभाग, नगर निगम, पर्यावरण एवं वन विभाग के अलावा राज्य प्रदूषण पर्षद को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। धरातल पर जिम्मेदार प्राधिकार का कोई प्लान धरातल पर नहीं उतर पाया है।
वायु प्रदूषण की वजहें
1. पटना शहर के उत्तरी हिस्से में औसत चार किलोमीटर तक गंगा नदी फैली रेत है।2. नगर निगम क्षेत्र में निर्माण एवं विध्वंस कार्य स्थल जहां सतत पानी का छिड़काव नहीं होना।3. खुले में कचरे को जलाने, लकड़ी और कोयले पर खाना बनाने पर कोई नियंत्रण नहीं।
4. रोक के बाद भी 15 साल पुरानी खटारा गाड़ियों का सड़क पर दौड़ना जारी है।5. बड़े-छोटे नाले का कचरा निकालकर सड़क पर छोड़ने की आदत में सुधार नहीं।6. बिना ग्रीन चादर से ढके पुराने मकान को तोड़ने और निर्माण कार्य जारी रखना।
7. ट्रक-टैक्टर पर बिना ढके कचरा, बालू-मिट्टी की ढुलाई कार्य पर रोक का इंतजाम।8. जैव चिकित्सा अपशिष्ट का संग्रह नहीं कर यत्र-तत्र जला देना
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