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AQI Bihar: धूल और धुएं से दमघोंटू हुई बिहार की हवा, शहरों के एयर क्वालिटी इंडेक्स पर डालें नजर

बिहार में प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। भवन निर्माण में मानकों को पूरा न करने के कारण वातावरण में तेजी से प्रदूषण फैल रहा है। बिहार में सबसे प्रदूषित शहर कटिहार रहा जहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 352 रिकार्ड किया गया।

By Jagran NewsEdited By: Akshay PandeyUpdated: Sat, 05 Nov 2022 10:15 PM (IST)
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प्रदेश की हवा प्रदूषित हो रही है। सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, पटना : धूल और धुएं से प्रदेश की हवा दमघोंटू होती जा रही है। प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। कई जगहों पर तो भवन निर्माण में मानकों को पूरा न करने के कारण वातावरण में तेजी से प्रदूषण फैल रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर कटिहार रहा, जहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) शनिवार को 352 रिकार्ड किया गया। उसके बाद छपरा का एक्यूआइ 327 तो पटना का 305 दर्ज किया गया। 

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डा. अशोक कुमार घोष का कहना है कि बिहार का प्रदूषण मौसम जनित है। ठंड के मौसम में वातावरण में नमी काफी बढ़ जाती है। वातावरण में नमी बढ़ने और सड़कों पर पड़ी धूलकण के उड़ने से वायु की गुणवत्ता खराब हो रही है। गर्मी के दिनों में वाहन गुजरने के उपरांत धूलकर वातावरण में बिखर जाता है, लेकिन ठंड में ऐसा नहीं हो पा रहा है। 

भवन निर्माण में मानकों नहीं हो पा रहा पालन 

राजधानी सहित अन्य शहरों में बन रहे भवनों के निर्माण में मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। भवनों के निर्माण के दौरान ग्रीन नेट का उपयोग करना है। निर्माण सामग्री को ढंक कर रखना है। समय-समय पर पानी की छिड़काव करना हैं, ताकि धूलकण उड़ नहीं पाए। 

खुले ट्रैक्टर से हो रही बालू की ढुलाई 

राजधानी में गंगा से बालू की ढुलाई ट्रैक्टरों एवं ट्रक के माध्यम से की जाती है। उनमें से अधिकांश ट्रक एवं ट्रैक्टर ओवरलोड होते हैं। शहर में बालू की ढुलाई प्लास्टिक के चादरों से ढंक कर करनी है, लेकिन ट्रैक्टर चालक इस पर ध्यान नहीं देते। प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं देता। परिणामस्वरूप, सड़कों पर बालू गिरता जाता है। इससे धीरे-धीरे सड़कों पर बालू की मोटी परत जम जाती है और जैसे ही कोई वाहन गुजरता है, बालू के कण वातावरण में तैरने लगते हैं। 

आसपास के वातावरण को दर्शाते डिस्प्ले बोर्ड 

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि राज्यभर में प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों के आसपास के वातावरण का अध्ययन किया जाता है। उसके परिणाम डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से दर्शाया जाता है। जांच केंद्रों में लगे उपकरण आसपास के वातावरण में तैर रहे धूलकण, धुआं एवं अन्य गैसों के अवशोषण कर बताते हैं कि वातावरण में क्या स्थिति है।

शहर-एयर क्वालिटी इंडेक्स

  • कटिहार : 352 
  • छपरा : 327
  • सिवान : 318 
  • बेगूसराय : 309 
  • समस्तीपुर : 308  
  • पटना : 305
  • मोतिहारी : 301 
  • मुजफ्फरपुर : 254
  • भागलपुर : 242
  • आरा : 230  
  • हाजीपुर : 218
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