Bihar Human Chain: कतारों में लगी 192 देशों से बड़ी आबादी, नदी भी नहीं तोड़ पाई जज्बा
Bihar Human Chain LIVE बिहार ने आज नया इतिहास रच दिया। यहां जल-जीवन-हरियाली नशामुक्ति बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गई।
By Amit AlokEdited By: Updated: Mon, 20 Jan 2020 10:52 PM (IST)
पटना [जागरण टीम]। बिहार में जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ रविवार को विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गई। पूर्वाह्न 11.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक आधे घंटे तक जब 4.27 करोड़ से अधिक लोग एक-दूसरे का हाथ थामेे खड़े हुए तो विश्व रिकार्ड तो बनना ही था। एक-दूसरे के हाथ थामे इन लोगों की संख्या कानाडा व आस्ट्रेलिया सहित विश्व के 192 देशों की आबादी से बड़ी थी। मानव श्रृंखला का मुख्य कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में हुआ, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इसका आरंभ किया गया।
अब राज्य सरकार मानव श्रृंखला का डाक्यूमेंटेशन करा प्रमाण स्वरूप वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को सौंपेेेगी। इसके लिए 15 हेलीकॉप्टर एरियल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में लगाए गए। मानव श्रृंखला के अवलोकन के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि भी आमंत्रित किए गए।
बिहार ने तोड़े अपने ही पुराने वर्ल्ड रिकार्ड
इसके साथ बिहार ने 2018 का अपना ही पुराना विश्व रिकार्ड तोड़ दिया है। इसके पहले 2017 में शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए बिहार में 11292 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी, जिसके रिकार्ड को बिहार वासियों ने दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ 13654 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाकर तोड़ा था। मुख्य केंद्र पटना का गांधी मैदान
प्रदेश भर की मानव श्रृंखला का मुख्य केंद्र पटना का गांधी मैदान रहा। गांधी मैदान से चार दिशाओं में मानव श्रृंखला का जुड़ाव हुआ। वहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा एवं यूनाइटेड नेशंस के प्रतिनिधि अतुल बगाई समेत अन्य मंत्री व आला अधिकारी मौजूद रहे। गांधी मैदान में मानव श्रृंखला बिहार के नक्शे पर बनाई गई।
मुख्यमंत्री ने जनता को दिया धन्यवादइस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जल व हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के लिए पूरे राज्य की यात्रा की। पाया कि लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता आई है। यह प्रसन्नता की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पर्यावरण के लिए निरंतर अभियान चलाते रहेंगे। अगर हम पर्यावरण को नहीं समझेंगे तो हमारा बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए बिहार की जनता को ध्न्यवाद दिया।
उत्साह चरम पर, नन्हें बच्चे भी रहे शामिल मानव श्रृंखला को ले पूरे बिहार में उत्साह दिखा। पटना के फ्रेजर रोड के पास थर्ड जेंडर का उत्साह भी देखते बना। मानव श्रृंखला में हर उम्र को लोग भी शामिल दिखे। यहां तक कि नन्हे बच्चे भी कतारों में नजर आए।
मुजफ्फरपुर में तो नाव पर ही लगा दी कतार उधर, मुजफ्फरपुर के बोचहां प्रखंड अंतर्गत दरधा घाट पर आथर गांव के ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला का क्रम बनाए रखने के लिए गंडक नदी पर नावों की कतार लगा दी। वहां नदी की चौड़ाई 200 फीट है। बीच नदी में नाव पर बनाई गई उनकी मानव श्रृंखला तो लोगों के उत्साह की एक बानगी भर रही। राज्य में नदी से पहाड़ तक हर जगह मानव श्रृंखला का नजारा रहा।
जगह-जगह जागरूकता कार्यक्रम मानव श्रृंखला के लिए जागरूकता के कार्यक्रम भी चलाए गए। पटना सहित जगह-जगह जागरूकता के लिए सांस्कृतिक आयोजन किए गए।
सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्थासरकार ने मानव श्रृंखला के दौरान सुरक्षा और ट्रैफिक की चाक-चौबंद व्यवस्था की। इसके मद्देनजर मुख्य सचिव दीपक कुमार और डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने सभी जिलों को विशेष हिदायतें दे रखीं थीं। हर जिले में आकस्मिक सेवाओं को बहाल रखा गया। मानव श्रृंखला के दौरान एम्बुलेंस, चिकित्सकों की टीम, पेयजल हेतु वाटर टैंकर के अलावा चलंत और अस्थायी शौचालयों के भी इंतजाम किए गए।
मानव श्रृंखला की कुल लंबाई 16419.31 किमी सभी जिलों से प्राप्त सूचना के आधार पर मानव श्रृंखला की कुल लंबाई 16419.31 किमी रही। इसमें मुख्य मार्गों पर 4972.9 किमी तथा उप मार्गों पर 10390.41 किमी की लंबाई रही। जबकि, अन्य मार्गों पर 285 किमी लंबाई रही। सीमावर्ती राज्यों व नेपाल तक मानव श्रृंखला शिक्षा विभाग ने पडोसी राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश के अलावा नेपाल की सीमाओं तक मानव श्रृंखला बनाने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक में सभी डीएम को यह निर्देश दिया था कि पड़ोसी प्रदेशों की सीमाओं को मानव श्रृंखला अवश्य छुए। इसीलिए कुछ इस तरह की व्यवस्था की गई कि बिहार के पड़ोसी राज्यों के अलावा नेपाल की सीमाओं तक मानव श्रृंखला का संदेश जाए। इससे पहले भी 2017 में शराबबंदी के समर्थन में और 2018 में बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ जो ऐतिहासिक मानव श्रृंखलाएं बनी थीं, उनमें पड़ोसी प्रदेशों तथा नेपाल देश की लगती सीमाओं तक मानव श्रृंखला बनायी गयी थी।
पौराणिक व सांस्कृतिक स्थलों भी जुड़ेगी मानव श्रृंखला शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के मुताबिक राज्य के सभी पौराणिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के स्थलों पर भी मानव श्रृंखला बनाई गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के आलोक में बोधगया, विद्यापति नगर (समस्तीपुर), जानकी स्थल (सीतामढ़ी), भितरहवा के गांधी आश्रम और लखनसेन बड़हरवा, जहां महात्मा गांधी ने बुनियादी विद्यालय की स्थापना की थी और केसरिया (बौद्ध स्तुप) समेत अन्य पौराणिक व सांस्कृतिक महत्व के स्थलों को मानव श्रृंखला से जोड़ा गया।
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