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Bihar News: नीतीश सरकार ने कर दी मौज! दो लाख से अधिक सेविका, सहायिका और पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि प्रदेश में एक लाख 15 हजार नौ सेविका और इतनी ही संख्या में सहायिका हैं। सरकार ने इनके देय भत्ता में पहली अप्रैल 2024 के प्रभाव से वृद्धि करने का निर्णय लिया है। आंगनबाड़ी सेविका को अभी 5950 रुपये भत्ता के रूप में मिलते हैं। जिसे बढ़ाकर सात हजार रुपये किया गया है।

By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 08 Jan 2024 07:48 PM (IST)
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नीतीश सरकार ने कर दी मौज! दो लाख से अधिक सेविका, सहायिका और पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के महज कुछ घंटों के बाद ही सरकार ने 2.30 लाख आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के साथ ही त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि कर दी है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन दोनों प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। आज की बैठक में कुल 19 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

सेविका को सात हजार तो सहायिका को मिलेंगे चार हजार

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि प्रदेश में एक लाख 15 हजार नौ सेविका और इतनी ही संख्या में सहायिका हैं। सरकार ने इनके देय भत्ता में पहली अप्रैल 2024 के प्रभाव से वृद्धि करने का निर्णय लिया है। आंगनबाड़ी सेविका को अभी 5950 रुपये भत्ता के रूप में मिलते हैं। जिसे बढ़ाकर सात हजार रुपये किया गया है। इसी प्रकार सेविका को मिल रहे 2975 रुपये को बढ़ाकर चार हजार रुपये किया गया है।

इस निर्णय के बाद सरकार को अंतर राशि के रूप में प्रतिवर्ष 286.37 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार वहन करना होगा। वर्तमान में इस योजना में केंद्र का हिस्सा 60 प्रतिशत और राज्य का हिस्सा 40 प्रतिशत है, लेकिन भत्ते में वृद्धि के बाद योजना में राज्य की हिस्सेदारी बढ़कर 61.43 प्रतिशत जबकि केंद्र की 38.57 प्रतिशत हो जाएगी।

मुखिया को मिलेंगे पांच हजार तो पंच को मानदेय में आठ सौ

डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि सेविका और सहायिका की तरह मंत्रिमंडल ने त्रिस्तरीय पंचायत के छह पदों पर निर्वाचित प्रतिनिधियों के मानदेय में भी वृद्धि की है। बढ़ा हुआ मानदेय पहली अप्रैल 2024 के प्रभाव से देय होगा। पंचायत के मुखिया को ढाई हजार के स्थान पर पांच हजार, उप मुखिया को 12 सौ रुपये की बजाय 25 सौ, ग्राम पंचायत सदस्यों को पांच सौ के स्थान पर आठ सौ मानदेय मिलेगा। इसी प्रकार ग्राम कचहरी सरपंच को ढाई हजार की बजाय पांच हजार, उप सरपंच को 12 सौ की जगह 25 सौ और पंच को पांच सौ के बदले आठ सौ रुपये का मानदेय मिलेगा। मानदेय में वृद्धि के बाद सरकार को इस मद में अतिरिक्त 3.30 अरब रुपये का वहन करना होगा।

खेलों के विकास के लिए बनेगा खेल विभाग

मंत्रिमंडल ने प्रदेश में एक नया विभाग खेल विभाग गठित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। नया बनने वाला खेल विभाग प्रदेश का 45वां विभाग होगा। अब तक प्रदेश में कुल 44 विभाग थे। कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डा. सिद्धार्थ ने बताया कि पूर्व खेल विभाग कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन था। खेल विभाग इससे अलग कार्य करेगा। जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करना होगा।

साथ ही प्रदेश में खेल कूद को प्रोत्साहन देना भी इसी विभाग का कार्य होगा। नया विभाग खेल स्टेडियम का विकास, खेल प्राधिकरण की गतिविधियां, खेल विश्वविद्यालय के संचालन के साथ ही खेल संघों के निबंधन का काम भी करेगा। बता दें कि छह जनवरी को एक कार्यक्रम में मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना के तहत उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र देते हुए मुख्यमंत्री ने खेल से संबंधित विभाग के गठन की घोषणा की थी। उन्होंने खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप देने और विभागों में खेल कोटा के रिक्त पदों पर प्राथमिकता के आधार पर बहाली का आश्वासन भी दिया था।

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