Bihar Assembly By-Election: भाजपा ने बनाई विशेष रणनीति, चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति से मिल रहे स्पष्ट संकेत
Bihar Assembly By-Election 2022 सूबे में विधानसभा की जिन दो सीटों के लिए उपचुनाव होने जा रहे हैं उसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है। मोकामा सीट की जिम्मेदारी रजनीश कुमार व गोपालगंज की जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को सौंपी गई है।

पटना, [रमण शुक्ला]। चुनाव आयोग की ओर से बिहार विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपने स्तर से तैयारी आरंभ कर दी है। प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के साथ ही रणनीति भी बनाई जा रही है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भी कमर कस ली है। बोचहां की हार को भाजपा अब तक भुला नहीं पाई है। सामने गोपालगंज और मोकामा का उप चुनाव है, जहां पार्टी की पराजय हुई तो भविष्य की संभावना धूमिल होगी। ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए भाजपा सधी हुई रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी द्वारा विधानसभा के दोनों क्षेत्रों के लिए चुनाव प्रभारी के रूप में घोषित चेहरों से स्पष्ट है कि पार्टी जातीय समीकरण को ही जीत-हार का आधार मानकर चल रही। इसी उद्देश्य से भाजपा ने भूमिहार बहुल मोकामा में रजनीश कुमार व राजपूत बहुल गोपालगंज में जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को चुनाव प्रभारी का दायित्व दिया है।

बोचहां उपचुनाव में चूक गई थी भाजपा
दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले में पडऩे वाले बोचहां के विधायक मुसाफिर पासवान के असामयिक निधन से वहां उप चुनाव की नौबत बनी थी। भूमिहार व अनुसूचित जाति बहुल बोचहां में भाजपा ने यादव समुदाय से आने वाले रामसूरत राय को चुनाव प्रभारी बनाया। रामसूरत राय तब राज्य के भूमि व राजस्व मंत्री हुआ करते थे। लेकिन स्थानीय स्तर पर रामसूरत कई कारणों से विवादों में घिरे थे। चुनाव परिणाम के रूप में भाजपा का यह निर्णय घातक सिद्ध हुआ। राजद के टिकट पर मुसाफिर के पुत्र अमरपासवान ने बाजी मार ली। भाजपा की ओर से पूर्व विधायक बेबी कुमारी दूसरे पायदान पर रह गईं। अंदरखाने पार्टी का मानना है कि जातीय समीकरण साधने में हुई चूक ने बोचहां में राह रोक दी। इससे सीख लेते हुए इस बार राजपूत बहुल गोपालगंज में बिरादरी से आने वाले महाराजगंज के सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल व भूमिहार बहुल मोकामा में पूर्व विधान पार्षद रजनीश कुमार को भाजपा ने विधानसभा चुनाव का प्रभारी घोषित किया है। भूमिहार वर्ग से आने वाले रजनीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री के दायित्व का भी निर्वहन कर चुके हैं।
गोपालगंज में राजपूत मतदात निर्णायक
गोपालगंज भाजपा की सीट है। वहां सुबाष सिंह पिछले चार चुनावों से बाजी मार रहे थे। भाजपा के गठबंधन वाली नीतीश सरकार में वे सहकारिता मंत्री बनाए गए थे। दुर्भाग्य यह कि मंत्री बनने के बाद से ही वे बीमार पड़ गए और अंतत: उनकी मृत्यु हो गई। इस क्षेत्र में राजपूत मतदाता निर्णायक हैं। इसी समुदाय से आने वाले सुबाष सिंह इस वोट को अपने पाले में करने में प्राय: सफल रहे थे, जबकि राजपूतों के बीच राजद का भी ठीकठाक जनाधार है। जदयू के राजद के साथ आ जाने के कारण इस बार संघर्ष कड़ा होना है, लिहाजा भाजपा ने राजपूत बिरादरी से आने वाले सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल को गोपालगंज का चुनाव प्रभारी बनाया है। यह सीधे-सीधे बिरादरी विशेष के मतदाताओं को संदेश देने का उपक्रम है। गोपालगंज सिग्रीवाल के संसदीय क्षेत्र महारागंज का निकटवर्ती है, इस कारण सिग्रीवाल क्षेत्र की भौगोलिक व सामाजिक संरचना से भी पूर्णत: अवगत है। पार्टी दूसरा लाभ सहानुभूति लहर के रूप में देख रही, जो सुबाष सिंह की मृत्यु से बनी है। इसी आधार पर श्राद्ध-कर्म संपन्न होने के बाद से ही सुबाष सिंह की विधवा क्षेत्र में सक्रिय हो चुकी हैं।

बहुत कठिन मोकामा की राह
गोपालगंज के साथ मोकामा में तीन नवंबर को मतदान होना है। नामांकन की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर है। गोपालगंज की तुलना में मोकामा की सीट भाजपा के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा दुरुह मानी जा रही है। ऐसा तब जबकि क्षेत्र में भूमिहार मतदाताओं की तूती बोलती है, जिसे पार्टी का परंपरागत मतदाता वर्ग बताया जाता है। इस सच्चाई के अतिरिक्त एक फैक्टर बाहुबली अनंत सिंह हैं। निर्दलीय, जदयू व राजद प्रत्याशी के रूप में वे इस सीट पर पिछले चार चुनावों से निर्बाध विजयी रहे हैं।हत्या-हथियार के एक मामले में सजायाफ्ता होने के बाद विधानसभा की उनकी सदस्यता रद हो गई, लिहाजा मोकामा में उप चुनाव कराना पड़ रहा है।

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