Bihar Election Date: बिहार विधानसभा चुनाव की बज गई रणभेरी, पिछली बार किसे मिलीं कितनी सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। बिहार में दो चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। वहीं चुनाव की मतगणना 14 नवंबर को होगी। वर्तमान में एनडीए के पास 131 सीटें हैं जबकि महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं।
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने वाली है। चुनाव आयोग आज शाम 4 बजे इसके लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है। इस प्रेस वार्ता में आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से जुड़े पूरे कार्यक्रम की घोषणा होगी।
बता दें कि इससे पहले बीते रोज पटना में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने कहा था कि बिहार में चुनाव 22 नवंबर से पहले होंगे।
ऐसे में आइए जानते हैं कि बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में परिणाम सामने आने के बाद क्या तस्वीर बनी थी। हालांकि, सरकार बनने के बाद बीते पांच सालों में प्रदेश में उपचुनाव भी हुए हैं और कुछ नेताओं ने अपना दल भी बदल लिया था। आइए एक नजर डालते हैं साल 2025 में बिहार विधानसभा में दलों की क्या स्थिति है।
बिहार विधानसभा के आंकड़े
- बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं, इनमें दो अनुसूचित जनजातियों के लिए और 38 अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित हैं।
- एनडीए के पास वर्तमान में 131 सीटें हैं, जिसमें भाजपा के पास 80 सीट, जेडी(यू) 45 सीट, हम (एस) 4 सीट पर मौजूद हैं। इनके अलावा दो निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए को अपना समर्थन दिया है।
- महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं, जिनमें आरजेडी के पास 77 सीट, कांग्रेस 19 सीट, सीपीआई (एमएल) 11 सीट, सीपीआई (एम) 2 और सीपीआई के पास 2 सीट शामिल हैं।
उपचुनाव और दल-बदल के बाद बदला आंकड़ा
दल | 2020 | 2025 |
---|---|---|
राजद | 75 | 77 |
भाजपा | 74 | 80 |
जदयू | 43 | 45 |
कांग्रेस | 19 | 19 |
माले | 12 | 11 |
हम | 04 | 04 |
एआईएमआईएम | 05 | 01 |
वीआइपी | 04 | 00 |
भाकपा | 02 | 02 |
माकपा | 02 | 02 |
लोजपा | 01 | 00 |
बसपा | 01 | 00 |
निर्दलीय | 01 | 02 |
रिक्त | 00 | 01 |
बिहार चुनाव में होंगे नए बदलाव
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कल बताया कि सुचारू मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से ज़्यादा मतदाता नहीं होंगे।
कुमार ने कहा कहा कि चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से ज़्यादा मतदाता नहीं होंगे।
कुमार ने बताया कि बूथ-स्तरीय अधिकारी अब आसान पहचान के लिए पहचान पत्र रखेंगे और मतदाताओं के मोबाइल फोन बूथ के बाहर जमा किए जा सकेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि मतदाताओं के पास जाते समय बूथ-स्तरीय अधिकारियों की बेहतर पहचान के लिए पहचान पत्र जारी किए गए हैं।
मोबाइल फोन बूथ के बाहर एक कमरे में जमा किए जा सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरे बिहार में लागू की जाएगी। हर मतदान केंद्र पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग होगी।
चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों की तस्वीरें ईवीएम मतपत्र पर रंगीन छपी होंगी और बेहतर दृश्यता के लिए उम्मीदवार का चेहरा तस्वीर के तीन-चौथाई हिस्से पर होगा।
उम्मीदवारों/नोटा के क्रमांक भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप में छपे होंगे। उन्होंने आगे बताया कि फॉन्ट का आकार 30 होगा और स्पष्टता के लिए बोल्ड में लिखा जाएगा।
बिहार में विधानसभा चुनावों से शुरू होने वाले आगामी चुनावों में उन्नत ईवीएम मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाएगा।
बिहार में चुनावी लड़ाई मुख्य रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ
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