Bihar Assembly Monsoon Session: मानसून सत्र में दोनों तरफ से गरजने-बरसने की तैयारी, इन दो मुद्दों पर हंगामे के आसार
Bihar News बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। कानून व्यवस्था और पुल के ढहने को लेकर सदन में नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं। सत्र में पहले दिन वित्तीय वर्ष 2024- 25 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। सत्र में कई अहम राजकीय विधेयक भी लाया जाएगा। हालांकि सरकार भी विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News: विधानमंडल के सत्र में सरकार पर हमला विपक्षी दलों का दस्तूर है। मगर, सोमवार से प्रारंभ मानसून सत्र में सरकार पर हमला करने के लिए विपक्ष के पास मौका भी है। जवाबी हमले के लिए सरकार भी तैयार है। विपक्ष विधि व्यवस्था की स्थिति को अपने लिए मौका मान रहा है। सरकार की तैयारी यह है कि हाल के दिनों की एक बड़ी घटना-पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी के हत्यारों को पकड़ लिया गया है।
विधि व्यवस्था के नाम पर बुलाई गई अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपराधियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। विपक्ष को एक मौका पुल-पुलियों के ध्वस्त होने के नाम पर मिल रहा है।
विपक्ष के सवाल पर सरकार के पास जवाब
विपक्ष के हंगामे पर सरकार के पास भी जवाब है। सरकार कह सकती है कि ठेकेदार काली सूची में डाले गए हैं। इंजीनियरों को निलंबित किया गया है। पुल-पुलियों की मरम्मत या पुनर्निमाण की जवाबदेही उन्हीं ठेकेदारों को दी गई है, जिन्होंने इनका निर्माण किया था। बड़ी बात यह कि ध्वस्त हुए अधिसंख्य पुल-पुलियों का निर्माण पूर्ववर्ती सरकार में हुआ था, जिसके कर्ता-धर्ता अभी विपक्ष में हैं।लोकसभा चुनाव परिणाम के आधार पर विपक्ष दोनों सदनों में आक्रामक
लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर विपक्ष संसद के दोनों सदनों में आक्रामक है। इसी परिणाम के नाम पर विपक्ष की ऐसी ही आक्रामकता राज्य के दोनों सदनों में देखी जा सकती है। लोकसभा चुनाव में राजग 39 सांसदों की संख्या के साथ गया था। वापसी 30 की हुई।10 सांसद विपक्षी खेमें के हो गए। यह विपक्ष के मनोबल बढ़ाने के लिए काफी है। लोकसभा चुनाव के बाद हुए रूपौली विधानसभा चुनाव ने पक्ष और विपक्ष को बराबरी पर ला दिया है। इसमें निर्दलीय शंकर सिंह की जीत हुई। सो, रूपौली के नाम पर शोर-शराबा की गुंजाइश नहीं है।
विशेष दर्जा या पैकेज
लोकसभा में 23 जुलाई को बजट पेश हो रहा है। राज्य को विशेष दर्जा मिलने की फिलहाल उम्मीद नहीं है। विशेष पैकेज की उम्मीद है।अगर केंद्रीय बजट में बिहार के लिए कुछ भी विशेष प्रबंध किया जाता है तो राज्य सरकार इसे उपनल्बधि बता कर उत्सव मना सकती है। कुछ नहीं मिला तो यह विपक्ष को हमला करने के लिए चलते सत्र में ही नया मौका देगा।
केंद्र की गठबंधन सरकार के लिए राज्य के गैर भाजपा दलों के 18 सांसदों का समर्थन जरूरी है। चुनाव में बिहार के लिए विशेष प्रबंध का वादा भी किया गया था। सरकार ने जाति आधारित गणना के बाद 94 लाख से अधिक गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।भूमिहीनों को वास की जमीन और आवास देने की घोषणा पुरानी है। भाकपा माले ने इसे मुद्दा बनाने का निर्णय किया है। इसे संपूर्ण विपक्ष का समर्थन मिलेगा।
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