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Bihar Politics: सदन में हंगामा... हद दिखाने से लेकर औकात बताते रहे माननीय; 10 मिनट तक चला हाईवोल्टेज ड्रामा

विपक्षी सदस्यों ने वेल में आकर रामवृक्ष सदा को अपमानित करने का मुद्दा बनाते हुए नारा लगाया- दलित का अपमान नहीं सहेंगे नहीं सहेंगे। इस दौरान राजद विधायक ललित कुमार यादव ने कहा कि दलित विधायक का अपमान करने वाले को माफी मांगनी होगी। माले विधायक सत्यदेव प्रसाद ने कहा कि भाजपा की सामंती सोच दर्शाती है कि वह दलितों के प्रति कैसा व्यवहार करती है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 20 Feb 2024 08:42 PM (IST)
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सदन में हंगामा... हद दिखाने से लेकर औकात बताते रहे माननीय; 10 मिनट तक चला हाईवोल्टेज ड्रामा
राज्य ब्यूरो, पटना। मंगलवार को विधानसभा की दूसरी पाली शांतिपूर्ण तरीके से चल रही थी। अचानक भाजपा विधायक कुमार शैलेन्द्र के बयान पर हंगामा मच गया...। आसन पर बैठे विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी भी दंग रह गए। सत्तापक्ष और विपक्ष के कई माननीय तैश में आ गए और एक-दूसरे की हद दिखाने लगे, औकात भी बताने लगे...। कुछ ने तो बाहें भी चढ़ा लीं और अंगुलियां दिखाते हुए एक-दूसरे को चेताने-धमकाने लगे। यह हाईवोल्टेज ड्रामा दस मिनट तक चला।

हुआ यूं कि जल संसाधन विभाग की अनुदान मांग के विरुद्ध राजद के विधायक रामवृक्ष सदा बोल रहे थे। उनके बाद कुमार शैलेन्द्र सरकार के पक्ष में बोलने को खड़े हुए। उन्होंने कहा कि विपक्ष के विधायक का काम ही है भौकना। ये भौकते ही रहते हैं। इसी बात पर पूरा विपक्ष हंगामा करने लगा।

दलित विधायक को अपमानित करने का आरोप

विपक्षी सदस्यों ने वेल में आकर रामवृक्ष सदा को अपमानित करने का मुद्दा बनाते हुए नारा लगाया-दलित का अपमान, नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे। इस दौरान राजद विधायक ललित कुमार यादव ने कहा कि दलित विधायक का अपमान करने वाले को माफी मांगनी होगी।

माले विधायक सत्यदेव प्रसाद ने कहा कि भाजपा की सामंती सोच दर्शाती है कि वह दलितों के प्रति कैसा व्यवहार करती है। इस बीच राजद के विधायक कुमार सर्वजीत ने आरोप लगाया कि 50 साल पहले दलितों के प्रति जो सोच थी वहीं आज भी है। इस पर भाजपा के जनक राम ने अपने जगह पर खड़ा होकर उन्हें टोका।

इस पर नाराज सर्वजीत ने सख्ती से कहा- आपसे ज्यादा विद्वान हैं हम। तभी रामवृक्ष सदा और भाजपा के संजय सिंह अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर एक-दूसरे को औकात बताने लगे। एक-दूसरे की ओर अंगुलियां दिखाकर धमकाने भी लगे।

इस बीच आसन पर बैठे उपाध्यक्ष ने कहा कि सभी असंसदीय भाषा को प्रोसीडिंग से हटा दिया गया है। लेकिन विपक्ष इतना से नहीं माना और सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करके चले गए।

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