Nitish Kumar बचा पाएंगे अपनी सरकार? 10 फरवरी को RJD कर सकती है 'खेला', विधायकों से संपर्क साधना शुरू
नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन अब उनके सामने सरकार बचाने की चुनौती है। 10 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत पेश किया जाएगा। फ्लोर टेस्ट के बाद ही सामने आएगा कि नीतीश सरकार सुरक्षित है या नहीं। राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार को परास्त करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। विधायकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी का भविष्य 10 फरवरी को पेश हो रहे सरकार के विश्वासमत के प्रस्ताव के परिणाम पर निर्भर हो गया है। राजद विश्वास मत के दौरान सरकार को परास्त करने की तैयारी में है। सरकार विश्वास मत जीत जाती है तो विस अध्यक्ष उसी दिन पद त्याग देंगे।
इधर की तैयारी यह है कि विश्वास मत के समय उसके समर्थक विधायकों की संख्या बढ़े न बढ़े, विरोध में पड़े वोटों की संख्या कुछ कम जरूर हो जाए। तैयारी दोनों तरफ से है। महागठबंधन एवं राजग के संकटमोचक प्रतिद्वंद्वी दलों के विधायकों से संपर्क कर रहे हैं।
क्या है विधानसभा का गणित?
सीधा गणित यह है कि सरकार के पक्ष में 128 विधायक हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में साधारण बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए। राजग के पास साधारण बहुमत से छह अधिक विधायक हैं।अवध बिहारी कब देंगे इस्तीफा?
सूत्रों ने बताया कि सरकार के पक्ष में विश्वास मत का प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद विधानसभा अध्यक्ष अपने पद से त्याग पत्र देंगे। सदन की कार्यवाही का संचालन उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी करेंगे। फिर नए अध्यक्ष के चयन के लिए राज्यपाल की मंजूरी से अधिसूचना जारी होगी।
जरूरत पड़ने पर बजट सत्र में ही नए अध्यक्ष का चयन हो जाएगा। यह अभी तय नहीं हुआ है कि विस अध्यक्ष का पद भाजपा-जदयू में से किस दल को मिलेगा।
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