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Bihar Assembly Winter Session: दोनों सदनों में आज पेश होगी जाति गणना की रिपोर्ट, आर्थिक सर्वे के रिकॉर्ड से भी उठेगा पर्दा

जाति आधारित गणना के जाति संबंधी आंकड़े दो अक्टूबर को जारी किए गए थे। तीन अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नौ दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। गणना को लेकर सभी दलों में एक राय थी। सर्वदलीय प्रतिनिधमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राष्ट्रीय जनगणना में जाति गणना को भी शामिल कराने का आग्रह किया था।

By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Tue, 07 Nov 2023 06:45 AM (IST)
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दोनों सदनों में आज पेश होगी जाति गणना की रिपोर्ट।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार मंगलवार यानी आज विधानमंडल के दोनों सदनों में जाति आधारित गणना की संपूर्ण रिपोर्ट पेश करेगी। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी इसे पेश करेंगे। विधानसभा में इसे दूसरी पाली में सदन के पटल पर रखा जाएगा। विधान परिषद में भी मंगलवार को रिपोर्ट पेश होगी। चौधरी ने बताया कि इसमें सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े भी रहेंगे।

राष्ट्रीय जनगणना में जाति गणना शामिल करने का आग्रह

इससे विभिन्न जातियों की अमीरी-गरीबी का पता चलेगा। जाति आधारित गणना के जाति संबंधी आंकड़े दो अक्टूबर को जारी किए गए थे। तीन अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नौ दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी। गणना को लेकर सभी दलों में एक राय थी। सर्वदलीय प्रतिनिधमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राष्ट्रीय जनगणना में जाति गणना को भी शामिल कराने का आग्रह किया था।

केंद्र के इंकार के बाद राज्य सरकार ने अपने साधन से जाति आधारित गणना का निर्णय किया। तीन अक्टूबर की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था शीतकालीन सत्र में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े रखे जाएंगे। रिपोर्ट में यह भी जानकारी रहेगी कि सरकारी नौकरियों में विभिन्न जातियों की कैसी भागीदारी है। उनकी शैक्षणिक स्थिति क्या है। समझा जाता है कि यह रिपोर्ट समाज के साथ राजनीतिक समीकरण को भी प्रभावित करेगी। पिछड़ों एवं अति पिछडों को संख्या के अनुसार आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग पहले से चल रही है।

रिपोर्ट पेश होने की यह मांग पकड़ेगी जोर 

कहा कि संपूर्ण रिपोर्ट पेश होने के बाद सभी दलों के नेताओं को इस पर विचार रखने का भी अवसर दिया जाएगा। विभिन्न दलों की राय के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। क्योंकि वर्ष 1931 के बाद ऐसी कोई गणना पूरे देश में कहीं नहीं हुई है। इस गणना एवं सर्वेक्षण के नतीजों की प्रतीक्षा सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश के लोग कर रहे हैं।

चौधरी ने जाति आधारित गणना पर गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को खेदजनक बताया। कहा कि एक बड़े जिम्मेदार ओहदे पर बैठे व्यक्ति को ऐसी तथ्यहीन बातें बिना किसी प्रमाण के बोलना अशोभनीय है। आखिर किस आंकड़े के आधार पर वे किसी जाति की संख्या बढ़ाने या घटाने की बात करते हैं? सच यह है कि इस गणना की सफलता से भाजपा और केन्द्र सरकार विचलित हो गई है। इससे पहले सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के कक्ष में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में जाति आधारित गणना की संपूर्ण रिपोर्ट सदन में रखने पर सहमति बनी।

भाजपा खड़े कर रही प्रश्न 

भाजपा उस समय राज्य सरकार में शामिल थी, जब जाति आधारित गणना कराने का निर्णय हुआ था। लेकिन, जातियों का आंकड़ा जारी होने के साथ ही भाजपा प्रश्न खड़े कर रही है। उसका कहना है कि गणना की वैज्ञानिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। कुछ जातियों की संख्या बढ़ा दी गई है। भाजपा ने पंचायत स्तर पर जाति गणना और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करने की मांग की है।

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