बिहार में 25% सवर्ण गरीब, 94 लाख लोगों की मासिक आय 6 हजार से भी कम; अब आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पर मचेगा सियासी बवाल
बिहार में जातीय गणना के आर्थिक आंकड़े सामने आ गए हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि राज्य में गरीबों की कुल संख्या 94 लाख से ऊपर है। इसमें भी सवर्ण श्रेणी के 25 प्रतिशत लोग गरीब हैं। इनकी मासिक आय छह हजार के करीब है। वहीं पिछड़े वर्ग की बात करें तो 33 प्रतिशत लोग गरीब हैं। रिपोर्ट से जाहिर है कि बिहार में सियासी बवाल मचेगा।
By Jagran NewsEdited By: Mukul KumarUpdated: Tue, 07 Nov 2023 12:16 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना। महागठबंधन सरकार द्वारा कराए गए जातीय सर्वे में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। बिहार विधानमंडल में पेश किए जाने वाले जातीय-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बिहार के 34 प्रतिशत परिवारों की मासिक आमदनी मात्र छह हजार रुपये महीना है।
बिहार में साढ़े 27 प्रतिशत भूमिहार, 25 प्रतिशत ब्राह्मण, 13 प्रतिशत कायस्थ और करीब 25 प्रतिशत राजपूत आर्थिक रूप से कमजोर हैं। बिहार में कराई गई जाति आधरित गणना के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं।
इससे पहले विधानसभा परिसर में जाति आधारित गणना के आंकड़ों पर चर्चा शुरू हो गई थी। गणना के कुछ आंकड़े सार्वजनिक हो गए हैं। सार्वजनिक आंकड़ों के मुताबिक बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर भूमिहार परिवार की कुल आबादी 8.36 लाख बताई गई है।
सवर्ण में भूमिहार सबसे ज्यादा गरीब
भूमिहारों की कुल आबादी में 27.58 प्रतिशत भूमिहार आर्थिक रूप से कमजोर है। इसी प्रकार राजपूत परिवार की कुल आबादी में करीब 9.53 लाख कमजोर हैं। यानी 24.89 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर हैं।सामान्य वर्ग में कायस्थ परिवारों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की आबादी 1.70 लाख बताई गई है, अर्थात कायस्थों की कुल पारिवारिक आबादी में 13.89 प्रतिशत की माली हालत ठीक नहीं। शेख परिवार की कुल आबादी करीब 11 लाख है इसमे 2.68 लाख यानी 25.84 प्रतिशत परिवार आर्थिक रूप से कमजोर बताए गए हैं।यह भी पढ़ें- सवर्णों में भूमिहार सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से कमजोर, ब्राह्मण 25 तो इतने प्रतिशत राजपूत गरीब
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