बिहार में शीत सत्र के आखिरी दिन दोनों सदन में हुआ हंगामा, विधानसभा अध्यक्ष का चढ़ा पारा; पक्ष-विपक्ष के बीच होती रही नोक-झोंक
दलित और महिला अपमान के मसले पर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में शुक्रवार को शीत सत्र के आखिरी दिन जमकर हंगामा हुआ। पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच खूब नोक-झोंक हुई। यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार आसन पर लौटने की अपील को भी अनसुना किया गया। कार्यवाही पूरी होने के बाद दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
By Sunil RajEdited By: Yogesh SahuUpdated: Fri, 10 Nov 2023 07:58 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics : आखिरकार शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधानमंडल के दोनों सदनों में सत्तापक्ष व विपक्ष दलित और महिला अपमान के मसले पर भिड़ गए। नतीजा सदन की कार्यवाही लगातार बाधित रही।
दोनों पक्षों का हंगामा सिर्फ सदन के अंदर नहीं बाहर भी नजर आया। शुक्रवार को सत्र के अंतिम दिन विधानमंडल के दोनों सदनों में विधायी कार्य प्रारंभ हो इसके पूर्व ही सदन के बाहर धरना प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया था।
महिलाओं पर अत्याचार और मांझी के अपमान पर मुखर
सत्ता पक्ष के लोग जहां मोदी सरकार के शासन में महिलाओं पर हुए अत्याचार के मुद्दे पर आवाज बुलंद कर रहे थे। वहीं, भाजपा के नेता पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अपमान और मुख्यमंत्री के प्रजनन संबंधी बयान को लेकर हमलावर दिखे।सत्ता पक्ष के तमाम सहयोगी दल हाथों में पोस्टर लेकर विधानसभा पोर्टिको में इकट्ठा थे और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इनका आरोप था कि जब से केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई है, महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं।
WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें.
कठुआ-उन्नाव, मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने जैसी घटनाएं हुई हैं। महिलाओं के अधिकारों का हनन हुआ है। लेकिन, अपनी नाकामी छुपाने के लिए बड़ी-बड़ी घटनाएं होने के बाद भी मोदी सरकार मौन है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।