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Bihar Assembly Winter Session LIVE : 'मेरी मूर्खता से...' अब विधानसभा में जीतन राम मांझी पर भड़क उठे नीतीश कुमार

Bihar Assembly Winter Session बिहार विधानसभा में आज आरक्षण संशोधन विधेयक पेश किए जाने के बाद सर्वसम्मति से पारित हो गया है। दो दिन पहले इसे नीतीश कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इधर गुरुवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल भाजपा ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया था। विधानसभा से जुड़े पल-पल के अपडेट के लिए बने रहें Jagran.com के साथ....

By Edited By: Sanjeev KumarUpdated: Thu, 09 Nov 2023 04:02 PM (IST)
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बिहार में अब 75 फीसदी आरक्षण, विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ संशोधन विधेयक (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना।  बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के चौथे दिन आज पेश किया गया आरक्षण संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित हो गया। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि अब बिहार में 75 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था होगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में आरक्षण का दायरा बढ़ाने की घोषणा की थी। दो दिन पहले इसे कैबिनेट से भी मंजूरी मिली थी। इधर, गुरुवार सुबह विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

मांझी पर भड़के नीतीश कुमार

दोपहर में सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद एक ओर से सर्वसम्मति से 75 फीसदी आरक्षण के लिए संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया।

इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वे पर बोलते हुए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी पर भड़क गए।

मांझी ने कहा था कि जाति गणना सही ढंग से नहीं हुई है, इसलिए लोगों को ठीक से लाभ नहीं मिला। इसी बात पर नीतीश कुमार का गुस्सा फूट गया।

उन्होंने कहा कि मांझी मेरी मूर्खता से सीएम बने। उन्होंने कहा कि मांझी गवर्नर बनना चाहते हैं। इनको कोई आइडिया ही नहीं है।

मांझी बोले- वो मर्यादा लांघ रहे

मांझी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम उनसे चार साल बड़े हैं। वो अपनी मर्यादा लांघ रहे हैं। वो 1985 में विधायक बने थे, मैं 1980 से विधायक हूं। गर्वनर बनने की बात पर उन्होंने कहा कि ये गलत बात है। मैं दलित हूं इसलिए वह तुम-तड़ाक कर रहे हैं।

विधानसभा की कार्यवाही शुरू, विपक्ष का जोरदार हंगामा

इससे पहले गुरुवार सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने नीतीश कुमार के दिए विवादित बयान पर हंगामा करना शुरू कर दिया। विधानसभा स्पीकर ने सभी से शांत रहने की अपील की लेकिन कोई मानने के लिए तैयार नहीं हो रहा।

 नौकरियों में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना के आधार पर सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया था। उनका कहना था कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट से राज्य की गरीबी जाहिर होती है।

सवर्ण गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण यथावत रहेगा

मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि सवर्ण गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण यथावत रहेगा। इसमें बदलाव की कोई संभावना नहीं है। पिछड़े वर्ग की महिलाओं को मिलने वाला तीन प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों के लिए पहले से जारी आरक्षण में समायोजित कर दिया जाएगा। क्योंकि, राज्य सरकार पहले से ही महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दे रही है।

मुख्यमंत्री की सदन में की गई घोषणा के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने भी आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने पर मंथन किया और संशोधन विधेयक के प्रारूप पर मंगलवार को ही अपनी सहमति दे दी। सरकार की घोषणा और मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद गुरुवार, नौ नवंबर को सरकार विधानसभा में दो एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लिए) संशोधन विधेयक, 2023 पेश करेगी।

प्रस्ताव पास होने के बाद क्या होगी स्थिति

दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित होने के बाद राज्य में अनुसूचित जातियों को 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियों को दो प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग को 43 प्रतिशत जबकि आर्थिक रूप से कमजोर तबके को पूर्व की तरह 10 प्रतिशत आरक्षण मिल सकेगा।

 संशोधन के बाद कुछ ऐसा होगा आरक्षण का स्वरूप : (आरक्षण प्रतिशत में)

 जाति अभी - आरक्षण बढ़ने के बाद

अनुसूचित जाति  16 से बढ़कर 20 प्रतिशत आरक्षण

अनुसूचित जनजातियों को 1 से बढ़कर 2 प्रतिशत आरक्षण

पिछड़ा, अति पिछड़ा 30 से बढ़कर 43 प्रतिशत आरक्षण

आर्थिक कमजोर वर्ग 10 का 10 ही बना रहेगा

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