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विधानसभा के बाहर लड्डू खिलाने पर भिड़े RJD-BJP विधायक, हाथापाई देख नीतीश कुमार ने भी मोड़ लिया अपना वाहन

Bihar Politics आज बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। आलम यह था कि हाथापाई की नौबत आ गई थी। सत्ता पक्ष के लोग केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वहीं विपक्षी दल ने जीतन राम मांझी के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया था। विपक्षी दल दलित मुख्यमंत्री के साथ हुए अपमान के मसले पर आवाज बुलंद करने लगे।

By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 10 Nov 2023 03:01 PM (IST)
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नीतीश के बयान पर विधानसभा परिसर में विपक्ष का जोरदार हंगामा, हाथापाई पर उतरे दोनों पक्ष के नेता

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा में शुक्रवार को सदन की विधायी गतिविधियां प्रारंभ होने से पहले विधानसभा परिसर में सत्ता पक्ष और विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन हुआ।

सत्ता पक्ष के लोग जहां मोदी सरकार के शासन में महिलाओं पर हुए अत्याचार के मुद्दे पर आवाज बुलंद कर रहे थे।

वहीं, भाजपा के नेता गुरुवार को विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ हुई बदसलूकी के मसले को लेकर सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के कक्षा के बाहर धरना पर बैठे नजर आए।

विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के पूर्व सत्ता पक्ष के तमाम सहयोगी दल हाथों में पोस्टर लेकर विधानसभा में इकट्ठा हो गए और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

लड्डू बांटने को लेकर हो गई बहस

इधर, राजद के विधायकों ने आरक्षण संशोधन विधेयक विधानसभा से पारित होने को लेकर शुक्रवार को जश्न मनाया। इसी क्रम में राजद नेताओं ने लड्डू बांटे।

लड्डू बांटने के क्रम में दोनों पक्ष के नेताओं के बीच बहस हो गई, जो देखते ही देखते हाथापाई में तब्दील हो गई। मौके की नजाकत को देखते हुए दोनों पक्ष के नेताओं ने बीच बचाव किया और भिड़ रहे विधायकों को अलग किया।

इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में भाजपा के विजय सिन्हा को अपने नेताओं को रोकते हुए देखा जा सकता है। 

नेताओं का आरोप

इन नेताओं का आरोप था कि जब से इस देश में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं बढ़ी है। कथुवा-कटवा उन्नाव में महिला के साथ दुष्कर्म का मामला हो, मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घूमने का मामला हो या फिर बिलकिस बानो का मामला हो।

इन तमाम मामलों में महिलाओं के अधिकारों का हनन हुआ है। मोदी सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए बड़ी-बड़ी घटनाएं होने के बाद भी मौन है।

'एक दलित पूर्व उप मुख्यमंत्री का अपमान'

दूसरी और मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने शुक्रवार को सदन की गतिविधियां प्रारंभ होने के पूर्व जीतन राम मांझी के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया था।

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा सदस्य सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के कार्यालय कक्ष के बाहर धरना पर बैठ गए और दलित मुख्यमंत्री के साथ हुए अपमान के मसले पर आवाज बुलंद करने लगे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा इस सदन में एक दलित पूर्व उप मुख्यमंत्री का अपमान हुआ है राज्य में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

नीतीश कुमार ने प्रदर्शन होता देख वाहन मोड़ा

पक्ष और विपक्ष के प्रदर्शन के बीच ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन की गतिविधि में भाग लेने के लिए विधानसभा पहुंचे, लेकिन प्रदर्शन होता देख उनके वाहन को विधान परिषद की ओर बढ़ा दिया गया।

मुख्यमंत्री विधान परिषद के रास्ते अंदर प्रवेश कर गए। इस बीच भाजपा ने विधान परिषद के प्रवेश द्वार पर ही प्रदर्शन शुरू कर दिया और दलित मुख्यमंत्री और महिलाओं के साथ हुए अपमान के मुद्दे को लेकर आवाज बुलंद करते नजर आए।

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