Bihar Sand Ghat: बालू घाटों की बंदोबस्ती में किस स्तर पर बाधा, नीतीश सरकार ने मांगी जानकारी
खान एवं भू-तत्व विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में 13 जिलों के बंदोबस्त का आकलन किया गया। जिसमें यह बात सामने आई कि बंदोबस्त का काम काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। जिसे देखते हुए प्रक्रियागत कमियों को दूर कर बंदोबस्त के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया बेहद मंथर गति में चल रही है। आलम यह है कि महज 13 जिलों के 610 बालू घाटों में 291 बालू घाटों की बंदोबस्त ही हो पाई है। जबकि बालू खनन महज 131 घाटों से हो रहा है। अब सरकार ने बालू घाटों के बंदोबस्त में होने वाले अनावश्यक विलंब से बचने के लिए कड़ाई से निपटने की योजना बनाई है।
खान एवं भू-तत्व विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में 13 जिलों के बंदोबस्त का आकलन किया गया। जिसमें यह बात सामने आई कि बंदोबस्त का काम काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। जिसे देखते हुए प्रक्रियागत कमियों को दूर कर बंदोबस्त के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान विभागीय सचिव ने जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों से यह रिपोर्ट मांगी कि (सीटीई) कंस्र्ट टू स्टैब्लिशड और (सीटीओ) कंस्र्ट टू आपरेट किस पदाधिकारी के स्तर पर लंबित है। इस बारे में एक फॉर्मेट बनाकर जिले राज्य मुख्यालय को जानकारी मुहैया कराएं। कई बार अधिकारियों के स्तर पर जानबूझकर सीटीई और सीटीओ को लंबित रखा जाता है। यह रवैया राज्य के विकास में बाधक है।
उन्होंने कहा कि सीटीई और सीटीओ किस स्तर पर लंबित है इस बारे में मुख्यालय के पास जानकारी रहने की स्थिति में संबंधित पदाधिकारियों को अलग से निर्देश जारी किए जा सकेंगे। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकेगी।
सचिव ने इस कार्य को प्राथमिकता में करने के निर्देश दिए और कहा इस कार्य में भविष्य में लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
सचिव ने 13 जिलों के करीब 319 घाटों की नीलामी में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। इनमें सबसे ज्यादा 135 बालू घाट पटना जिले के अंतर्गत आते हैं।ये भी पढ़ें- Bihar Land Registry: अब रजिस्ट्री में नहीं होगी परेशानी, घर बैठे फाइल कर सकते हैं जमीन का निबंधन, शुरू हुई नई सेवा
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