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Bihar Bhumi Survey 2024: भूमि सर्वे के बीच जमाबंदी को लेकर आई नई जानकारी, अधिकारियों में मचा हड़कंप

बिहार भूमि सर्वेक्षण में बड़ा खुलासा सरकारी जमीन की गलत जमाबंदी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई। विभाग ने ऐसे पूर्व अधिकारियों-कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। ACS ने यह भी कहा है कि दाखिल-खारिज के स्वीकृत अथवा अस्वीकृत मामले में अंचल अधिकारी मंतव्य जरूर दर्ज करें। यह कम से कम सौ अक्षरों में हो।

By Arun Ashesh Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 18 Sep 2024 06:17 PM (IST)
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भूमि सर्वे के बीच नीतीश सरकार ने दे दिया नया निर्देश।

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी जमीन की गलत जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) करने वाले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अवकाशप्राप्त अधिकारी और कर्मचारी भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे। विभाग ने ऐसे पूर्व अधिकारियों-कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।

विभाग की पिछली समीक्षा बैठक के निष्कर्ष के आधार पर अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी अपर समाहर्ताओं को कहा है कि वे ऐसी दोषियों की पहचान करें। सरकारी जमीन की गलत जमाबंदी की जांच पहले से चल रही है। अब दोषियों पर कार्रवाई होने जा रही है।सिर्फ सरकारी ही नहीं, रैयती जमीन की गलत जमाबंदी दर्ज करने वालों पर भी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।

अपर समाहर्ताओं को कहा गया है कि इस संबंध में की गई कार्रवाई का विवरण विभागीय पोर्टल पर भी अपलोड करें। समीक्षा में पाया गया कि अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी के स्तर पर बड़ी संख्या में जमाबंदी के मामले लंबित पड़े हैं।

100 अक्षर में दें मंतव्य

अपर समाहर्ताओं को कहा गया कि वे अपने अधीन के अंचलों का नियमित निरीक्षण करें। देखा यह गया है कि अंचल अधिकारी दाखिल-खारिज के आवेदनों को निष्पादित कम और रद्द अधिक करते हैं। अपर मुख्य सचिव के निर्देश में कहा गया है कि दाखिल-खारिज के स्वीकृत अथवा अस्वीकृत मामले में अंचल अधिकारी मंतव्य जरूर दर्ज करें। यह कम से कम सौ अक्षरों में हो।

चार श्रेणियों में बांटे अतिक्रमण के मामले

अपर समाहर्ताओं को कहा गया है कि अतिक्रमण के लंबित मामलों को चार श्रेणियों में बांटें। छह माह, छह माह से अधिक, एक वर्ष और दो वर्ष एवं उससे भी अधिक दिनों से लंबित मामलों की सूची बनाएं। सबसे पुराने मामलों के निष्पादन को प्राथमिकता सूची में पहले नम्बर पर रखें।

पत्र में कहा गया है कि अभियान बसेरा से जुड़ी शिकायतों की भी सघन जांच हो। शिकायत यह है कि अभियान बसेरा-2 के लिए बनी सूची से बाहर के लोगों को जमीन का पर्चा दिया जा रहा है।

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