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Bihar Bhumi Survey: पुश्तैनी जमीन पर स्वामित्व दिखाने के लिए तैयार करें वंशावली, ऐसे बनवाएं ये अहम डॉक्युमेंट

बिहार में जमीन सर्वे का कार्य जारी है। जमीन से जुड़े सारे विवादों को दूर करने के लिए यह सर्वेक्षण बेहद अहम साबित होगा। सर्वे में पुश्तैनी जमीन पर अपना स्वामित्व दिखाने के लिए वंशावली की जरूरत पड़ेगी। वंशावली में गलत जानकारी देना संभव नहीं होगा क्योंकि उसे सत्यापन के लिए दोबारा होनेवाली ग्राम सभा में रखा जाएगा। वहां गांव के लोगों की मौजूदगी में उसे देखा जाएगा।

By Vyas Chandra Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 30 Aug 2024 02:30 PM (IST)
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प्रपत्र-2 में रैयत को जमीन के स्वामित्व वाली जमीन का पूरा ब्योरा देना होगा।
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विशेष सर्वेक्षण ने भू स्वामियों को अपनी जमीन के प्रति जागरूक कर दिया है। कागजात अद्यतन कराने की प्रक्रिया तेज हो गई है। भू स्वामियों के लिए पुश्तैनी जमीन का नामांतरण जीवित वंशज के नाम कराने के लिए आवेदन फॉर्म के साथ वंशावली देना होगा, इसलिए पहले अपनी वंशावली तैयार कर लें।

यह ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन भी बनवाई जा सकती है। इससे स्पष्ट होगा कि संबंधित जमीन उन्हें कैसे मिली। इसमें किसी तरह की गलती ग्राम सभा में पकड़ी जा सकेगी।

स्वघोषणा पत्र के साथ वंशावली जरूरी

प्रपत्र-2 में रैयत को जमीन के स्वामित्व वाली जमीन का पूरा ब्योरा देना होगा। राजस्व ग्राम, थाना नंबर, हल्का नंबर, अंचल, जिला के साथ ही इसमें रैयत का नाम, पता, खाता, खेसरा, रकबा, चौहद्दी, जमीन की किस्म, लगान, जमाबंदी संख्या, भूमि पर दावा का आधार जैसे, उत्तराधिकार, दान, खरीद, बंदोबस्त या फिर कैसे जमीन मिली है, उसका विवरण देना होगा।

यह प्रपत्र दो प्रति में जमा ली जाएगी। इसमें एक प्रति संबंधित पदाधिकारी या कर्मी हस्ताक्षर, आवेदन की तारीख और क्रमांक अंकित कर प्रमाण के रूप में लौटाएंगे।

प्रपत्र 3(1) के साथ संलग्न करें सादे कागज पर बना वंशवृक्ष

अब बारी आती है वंशावली की। यह प्रपत्र 3(1) में ऑफलाइन या ऑनलाइन जमा करना होगा। शिविर प्रभारी के नाम से यह आवेदन दिया जाएगा। इस आवेदन के साथ सादे कागज पर वंशवृक्ष का टेबल बनाकर उसे संलग्न करना है। इसमें बताना है कि संबंधित भूमि पर भू स्वामी का शांतिपूर्ण दखल-कब्जा है। भूमि स्वत्ववाद एवं विवाद से मुक्त है। यह सारी प्रक्रिया ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन भी की जा सकती है।

वंशावली में गलत जानकारी देना संभव नहीं होगा, क्योंकि उसे सत्यापन के लिए दोबारा होनेवाली ग्राम सभा में रखा जाएगा। वहां गांव के लोगों की मौजूदगी में उसे देखा जाएगा। यदि यदि किसी को कोई आपत्ति होगी तो मौके पर उसका निराकरण किया जाएगा।

यदि कोई व्यक्ति गलत वंशावली, दस्तावेज आदि जमा कराएंगे तो उसकी शिकायत कोई दूसरा भी कर सकेगा। वंशावली ऑनलाइन बनवाने के लिए dlrs.bihar.gov.in पर जाना होगा। वहां विशेष सर्वेक्षण से जुड़ी सेवाओं से विकल्प चुनना होगा।

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