Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bihar Politics: 'अफसर हमारी एक नहीं सुनते', सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के सामने फट पड़े BJP के आहत MLA

पटना में मंगलवार को बीजेपी विधान मंडल की बैठक हुई। बैठक में सम्राट चौधरी के सामने कई विधायकों ने सरकारी अधिकारियों की शिकायत की। अफसरों की अपेक्षा से आहत बीजेपी के विधायक नेतृत्व के समक्ष फट पड़े। दो दर्जन से अधिक विधायकों ने स्पष्ट कहा कि वे योजनाओं और समस्याओं को किस स्थिति में गिनाएं जबकि अफसर उनकी एक बात नहीं सुनते।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 24 Jul 2024 08:45 AM (IST)
Hero Image
डिप्टी CM विजय सिन्हा और डिप्टी CM सम्राट चौधरी (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। विधायकों का मन टटोलने के लिए मंगलवार को हुई भाजपा विधान मंडल दल की बैठक में जब आंच अपनी ओर आई तो प्रदेश नेतृत्व बगले झांकने लगा। यह क्षोभ-जनित आक्रोश अफसरों द्वारा की जाने वाली उपेक्षा और अनदेखी के कारण था। विवशता का बोझ उतार नेतृत्व ने जब आगे बढ़ने का दिलासा दिया तब जाकर क्षुब्ध विधायक शांत हुए।

तय हुआ कि विधायक और विधान पार्षद अपने-अपने क्षेत्र की महत्वपूर्ण पांच परियोजनाओं से नेतृत्व को अवगत कराएंगे। सरकार और प्रशासन से हस्तक्षेप कर प्रदेश नेतृत्व उन्हें समय से पूरा कराएगा। विधानसभा के अगले चुनाव में जनता के बीच गिनाने के लिए वे परियोजनाएं काम आएंगी। उन्हीं के दम पर जीत की रणनीति तय होगी।

सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक

इसी के साथ क्षेत्र की पांच-पांच समस्याएं भी बतानी है, जिनका समाधान शीघ्रता से कराया जाएगा। बैठक प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई। वे उप मुख्यमंत्री के दायित्व में भी हैं। यही दायित्व नेतृत्व की पहली पंक्ति में बैठे विजय कुमार सिन्हा के पास भी है। हालांकि, मुख्यमंत्री से महत्वपूर्ण संवाद सम्राट ही करते हैं।

'एक बात नहीं सुनते अधिकारी'

अफसरों की मनमर्जी की शिकायत जब विधायकों ने शुरू की तो सबकी आंखें उन दोनों की ओर उठ गईं। एक के बाद दूसरा और उसके बाद तीसरा करते-करते दो दर्जन से अधिक विधायकों ने स्पष्ट कहा कि वे योजनाओं और समस्याओं को किस स्थिति में गिनाएं, जबकि अफसर उनकी एक बात नहीं सुनते। महागठबंधन की सरकार में तो सहयोगी दल की ऐसी उपेक्षा नहीं थी।

राजद का नाम लेकर विधायकों ने कहा कि तब लालू प्रसाद व तेजस्वी यादव ने मनपसंद अफसरों को क्षेत्र में तैनात कराया। उसका राजद को लाभ भी मिला। कई जगह तो उनमें से कुछ अफसर आज भी तैनात हैं, जो भाजपा विधायकों की सुनते ही नहीं। उन अफसरों के स्थानांतरण के साथ क्षेत्र में चहेते और तेजतर्रार अफसरों की तैनाती का विधायकों ने आग्रह किया। नेतृत्व ने अपेक्षित पहल के लिए उन्हें आश्वस्त किया।

शिकायतों की सूची

  • जाले के विधायक जीवेश मिश्रा ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के विरुद्ध शिकायत की।
  • साहेबगंज के विधायक राजू सिंह ने मुजफ्फरपुर के एसएसपी राकेश कुमार और पातेपुर के विधायक लखेंद्र पासवान को वैशाली के एसपी हरकिशोर राय से शिकायत थी।
  • मोतिहारी के विधायक प्रमोद कुमार का कहना था कि प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी मनमर्जी वाले हैं। जन-प्रतिनिधियों के आग्रह की वे अवहेलना करते हैं।

ये भी पढ़ें- Budget 2024: बजट के बाद अचानक निर्मला सीतारमण से मिलने पहुंचे NDA नेता, बिहार के लिए फिर दोहराई ये मांग

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: बजट की फुहार से ठंडी पड़ी बिहार को विशेष दर्ज की मांग, केंद्र की सहायता से नीतीश भी गदगद