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Bihar: प्रजनन दर को लेकर नीतीश कुमार के बयान को BJP ने बताया सड़क छाप, पूछा- भाषाई मर्यादा भी भूल गए क्या?

Bihar News राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने जिस तरह से महिलाओं पर मंच से सेक्सिस्ट कमेंट किया है वह बेहद ही शर्मनाक है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। (फाइल फोटो)

By Raman ShuklaEdited By: Prateek JainUpdated: Sun, 08 Jan 2023 09:33 PM (IST)
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सुशील मोदी ने कहा कि राजद की संगत में नीतीश कुमार भाषा की मर्यादा और संवेदनशीलता खोते जा रहे हैं।

पटना, राज्य ब्यूरोराज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने जिस तरह से महिलाओं पर मंच से सेक्सिस्ट कमेंट किया है, वह शर्मनाक है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। मोदी ने कहा कि राजद की संगत में जाने के बाद से नीतीश कुमार भाषा की मर्यादा और संवेदनशीलता खोते जा रहे हैं।

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि "जो पीयेगा, सो मरेगा", विरोधियों को " तुम-तुमको" कह कर संबोधित करना और पुरुषों के महिलाओं से रोज-रोज शारीरिक संबंध बनाने की बात महिलाओं की सार्वजानिक सभा में कहना अत्यंत अमर्यादित और आपत्तिजनक है।

'सीएम से सड़क-छाप बयान की उम्‍मीद नहीं की जा सकती'

उन्होंने कहा भाजपा प्रजनन दर कम करने और जनसंख्या नियंत्रण का समर्थन करती है, लेकिन नीतीश कुमार जिस तरह से इसके लिए केवल महिलाओं की अशिक्षा और पुरुषों की मनमानी को गाली की तरह बयां कर रहे हैं, वह एक मुख्यमंत्री के लिए अशोभनीय है। मोदी ने कहा कि एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रजनन दर पर ऐसे सड़क-छाप बयान की मुख्यमंत्री से अपेक्षा नहीं की जा सकती।

मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को लैंगिक भेदभाव और कामुकता से भरा बयान अविलंब वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बतौर मुख्यमंत्री यह बता कर युवाओं को क्या संदेश देना चाहते हैं कि वे अपने कालेज जमाने में लड़कियों का पीछा किया करते थे।

सम्राट बोले- सीएम पद की गरिमा को नीतीश ने किया कलंकित

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वैशाली में समाधान यात्रा दिए गए भाषण पर विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने सख्त आपत्ति जताई है। सम्राट चौधरी का मुख्यमंत्री के भाषण का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है, जिसमें वह प्रजनन दर को रोकने को लेकर भाषण दे रहे हैं। जहां वह कह रहे हैं कि मर्दों को इससे कोई मतलब नहीं रहता है। वह सिर्फ हर दिन... करते रहते हैं। महिलाएं ही इसको लेकर खुद बचा सकती हैं। उक्त वीडियो वैशाली जिले का बताया जा रहा है, जहां मुख्यमंत्री के साथ तेजस्वी यादव भी मंच पर नजर आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि प्रजनन दर को रोकने को लेकर कहा कि महिलाएं पढ़ लेंगी, तभी यह घटेगा। मर्द लोग तो हर दिन करते रहता है। उन्हें इस बात से मतलब ही नहीं होता कि हर दिन बच्चा पैदा नहीं करना हैं। पढ़ी-लिखी महिलाएं ही इस बात को अच्छे से समझती हैं कि उन्हें यह नहीं करना है। मुख्यमंत्री ने यह बात जब कही, तब वहां काफी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थी।

सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने जिस तरह से प्रजनन दर रोकने को लेकर मर्दों के चरित्र की व्याख्या की है और महिलाओं को हर दिन बच्चा पैदा करने वाला बताया है। यह सीधे-सीधे अमर्यादित संबोधन है। सम्राट चौधरी ने वीडियो के साथ अपने कैप्शन में लिखा है कि “मुख्यमंत्री श्री कुशासन कुमार जी ने जिन अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया वह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। ऐसे शब्दों का प्रयोग कर वह मुख्यमंत्री पद की गरिमा को कलंकित कर रहे हैं।

नीतीश भाषाई मर्यादा भी भूल गए क्या : निखिल आनंद

भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रवक्ता डा. निखिल आनंद ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अमर्यादित भाषा बोलने और सेक्सिस्ट कमेंट करने का आरोप लगाते हुए माफी मांगने की मांग की। निखिल ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल के दिनों में कई ऐसे बयान दे रहे हैं जो हम सभी को हास्यास्पद स्थिति में डाल देते हैं।

'बयान वापस लेकर माफी मांगे सीएम नीतीश'

उनके कई बयान तो लैंगिक तौर पर समाज में भेदभाव पैदा करने वाले और बड़े ही सेक्सिस्ट कमेंट होते हैं। जिस तरह से उन्होंने कहा कि महिलाओं में प्रजनन दर बढ़ रही है तो उन्हें शिक्षित होना चाहिए यह उनकी बात सही है, लेकिन जो उन्होंने कहा कि पुरुष लोग करते ही रहता है, उसको पता ही नहीं होता है कि बच्चा पैदा करना है या नहीं करना है, ये एक सड़क छाप, अजीबोगरीब और अस्वीकार्य बयान है। ये बयान सीएम को वापस लेकर माफी मांग लेनी चाहिए।

सीएम नीतीश कुमार भाषाई मर्यादा भी भूल गए क्या? बिहार के मुख्यमंत्री से पब्लिक डोमेन में और सार्वजनिक कार्यक्रम में से ऐसे बयान की कतई अपेक्षा नहीं है। सीएम अपना लैंगिक भेदभाव, अपमान करने वाले सेक्सिस्ट बयान को अविलंब वापस लें।

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