Bihar Board BSEB 10th Result: कुछ तो बात है कि हमेशा टॉपर्स देता है ये स्कूल, जानिए खास बातें
Bihar Board BSEB10th Result 2020 जब भी बिहार बोर्ड के टॉपर्स की बात होती है सिमुलतला विद्यालय का नाम आता है। इस साल भी टॉपर इसी स्कूल के हैं। आखिर यहां क्या है खास जानिए।
By Amit AlokEdited By: Updated: Fri, 22 May 2020 10:07 PM (IST)
पटना, जेएनएन। BSEB, Bihar Board 10th Result 2020: बिहार बोर्ड (Bihar Board) 10वीं (मैट्रिक) की परीक्षा का रिजल्ट (Result) जारी करने जा रहा है। उम्मीद है कि इस बार भी जमुई के सिमुलतला आवासीय विद्यालय (Simultala Residential School) का परचम लहराएगा। स्कूल के के विद्यार्थियों ने साल 2015 से लगातार बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में टॉप किया है। लगातार कई सालों से टॉपर्स दे रहे इस स्कूल को लोग टॉपर्स की फैक्ट्री (Topper's Factory) भी कहते हैं। बिहार के इस स्कूल में प्रवेश के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है।
घने जंगलों व पहाड़ियों के बीच 2010 से चल रहा स्कूल यह स्कूल साल 2000 में स्थापित हुआ। नौ अगस्त 2010 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इसका उद्घाटन किया। दरअसल, बिहार के विभाजन के बाद नेतरहाट आवासीय विद्यालय (रांची) तथा इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय (हजारीबाग) झारखंड में चले गए। तब से बिहार में वैसे उच्च गुणवत्ता वाले स्कूल की जरूरत महसूस की जा रही थी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर जमुई के सिमुलतला में घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई। सिमुलतला को वहां के पर्यावरण को देखते हुए मिनी शिमला भी कहा जाता है।
इस साल भी परीक्षा में सिमुलतला के विद्यार्थी लहराएंगे परचम यह स्कूल मैट्रिक के टॉपरों की सूची में पहली बार साल 2015 में शामिल हुआ। तब से इसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा है। स्कूल के प्राचार्य डॉ् राजीव रंजन को उम्मीद है कि इस साल भी यहां के दर्जन से अधिक विद्यार्थी टॉप 10 में जगह बनाएंगे। बिहार बोर्ड रिजल्ट जारी करने के पहले अपने टॉपर्स का वेरिफिकेशन करता है। बताया जाता है कि इस वेरिफिकेशन में यहां के विद्यार्थी शामिल किए गए थे।
साल 2015 से स्कूल लगतार दे रहा बिहार बोर्ड के टॉपर इसके पहले के सालों की बात करें तो 2018 व 2019 में बिहार बोर्ड 10वीं के टॉप-10 में यहां के 16-16 विद्यार्थी शामिल रहे थे। 2018 में पहले तीन स्थानों पर तो 2019 में पहले पांच स्थानों पर सिमुलतला के ही विद्यार्थी रहे थे। 2015 में तो सिमुलतला के 19 विद्यार्थी 96 फीसद अंक के साथ टॉपर्स लिस्ट में जगह बनाने में सफल रहे थे। यह बिहार बोर्ड का अब तक का रिकार्ड है।
जब भी टॉपर्स की चर्चा, आता सिमुलतला का नाम, देखिए दरअसल, साल 2015 से बिहार बोर्ड के टॉपर्स की जब भी चर्चा होती है, सिमुलतला का ही नाम आता है। आइए डालते हैं नजर, 2015 से अब तक के इसके टॉपर्स पर....2015: साल 2015 में सिमुलतला के कुणाल जिज्ञासु व नीरज रंजन ने 487 अंकों (97.4 फीसद) के साथ टॉप किया था। स्कूल के 19 विद्यार्थियों को 96 फीसद अंक मिले थे, जो बोर्ड का अब तक का रिकार्ड है।
2016: सिमुलतला की बबीता कुमारी व त्रिष्या तन्वी ने 96.6 फीसद अंकों के साथ टॉप किया था।2017: इस साल के टॉपर प्रेम कुमार सिंह सिमुलतला के नहीं थे। सेकेंड टॉपर भाव्या (92.8 फीसद) एवं थर्ड टॉपर हर्षिता (92.4 फीसद) सिमुलतला की थीं।2018: सिमुलतला की प्रेरणा राज ने 91 फीसद अंकों के साथ टॉप किया। सेंकेंड टॉपर प्रज्ञा व शिखा तथा थर्ड टॉपर अनुप्रिया भी सिमुलतला की ही छात्राएं थीं। टॉप 10 में शामिल 23 छात्र-छात्राओं में 16 सिमुलतला के थे। टॉप 10 में शामिल सभी नौ छात्राएं सिमुलतला की थीं।
2019: सिमुलतला के सावन राज भारती 97.2 फीसद अंकों के साथ अव्वल रहे। सिमुलतला के ही रौनित राज (96.6 फीसद) सेकेंड टॉपर तथा प्रियांशु राज (96.2 फीसद) थर्ड टॉपर रहे। सिमुलतला के ही आदर्श रंजन, आदित्य राय व प्रवीण प्रखर (सभी 96 फीसद) चौथे स्थान पर रहे। पांचवा स्थान पाने वाले हर्ष कुमार (95.8 फीसद) भी इसी स्कूल के थे। रिजल्ट में छठे व नौवें स्थान को छोड़ टाॅप 10 में शामिल विद्यार्थी सिमुलतला के ही थे। टॉप 10 में जगह बनाने वाले 18 छात्र-छात्राओं में 16 सिमुलतला के थे।
छठी में 60 सीटों पर होता एडमिशन, बिहार बोर्ड लेता टेस्ट सवाल यह है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व रिजल्ट देने वाले इस स्कूल में प्रवेश कैसे होता है? यहां वर्ग छह में एडमिशन होता है। यहां की कुल 60 सीटों पर नामांकन के लिए बिहार बोर्ड लिखित परीक्षा लेता है।गुरुकुल पद्धति का आवासीय स्कूल, अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई
यह स्कूल गुरुकुल पद्धति पर आधारित सह शिक्षा (Co-Education) वाला व पूर्णत: अावासीय है। पढ़ाई अंग्रजी माध्यम में होती है। यहां बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक्स और एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई होती है। को-करिकुलर एक्टिविटीज पर भी बराबर ध्यान दिया जाता है।सुबह 4.30 बजे उठते बच्चे, हर वक्त उपलब्ध रहते शिक्षक दैनिक रूटीन की बात करें तो स्कूल में विद्यार्थी सुबह 4.30 बजे उठ जाते हैं। सुबह में व्यायाम व प्रार्थना के बाद आठ बजे से दो बजे दिन तक पढ़ाई होती है। फिर बीच में ब्रेक होता है। इसके बाद शाम 6.30 से रात 9.30 बजे तक सेल्फ स्टडी का समय निर्धारित है। रात 10 बजे विद्यार्थी सोने चले जाते हैं। पढ़ाई के दौरान कोई भी समस्या आए तो शिक्षक हर वक्त समाधान के लिए मौजूद रहते हैं।
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