Bihar News: 18 मार्च से शुरू हो रही एक से आठवीं तक की परीक्षा... इस बार के एग्जाम में बदल जाएगा सबकुछ, ये होगा पैटर्न
Bihar Education बिहार के सरकारी विद्यालयों में 18 मार्च से कक्षा एक से आठ तक की परीक्षा होनी है। प्रत्येक जिले का प्रश्न पत्र अलग-अलग रहेगा। जिला स्तर पर ही कक्षा एक से आठ के लिए प्रश्न पत्र तैयार किए जा रहे हैं। पटना में प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका की छपाई के लिए कागज की गुणवत्ता एवं आकार का विवरण डीईओ कार्यालय की ओर से जारी किया गया है।
जागरण संवाददाता, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा की तैयारी शुरू हो गई है। 18 मार्च से कक्षा एक से आठ तक की परीक्षा होनी है। इस बार परीक्षा तो पूरे राज्य में एक ही तिथि को होगी, लेकिन प्रत्येक जिले का प्रश्न पत्र अलग-अलग रहेगा। जिला स्तर पर ही कक्षा एक से आठ के लिए प्रश्न पत्र तैयार किए जा रहे हैं।
जिला स्तर पर ही जिला पदाधिकारी कार्यालय (डीईओ) द्वारा प्रश्न पत्रों एवं उत्तर पुस्तिकाओं की छपाई के लिए अलग-अलग निविदा निकाली जा रही है। पटना में प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका की छपाई के लिए कागज की गुणवत्ता एवं आकार का विवरण डीईओ कार्यालय की ओर से जारी किया गया है।
वर्ग वार व विषय वार अलग-अलग प्रश्न
प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका ए-3 आकार की होनी चाहिए, वहीं कागज की गुणवत्ता 70 जीएसएम की होनी चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को उत्तर लिखने में आसानी हो। प्रश्न पत्र की छपाई के बाद वर्ग वार व विषय वार अलग-अलग 600-600 प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका के बंडल तैयार किए जाएंगे।बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने इसके लिए परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। कक्षा पांच एवं आठ की परीक्षा 18 से 21 मार्च तक होगी। कक्षा एक से चार तथा कक्षा छह व सात की परीक्षा 21 से 28 मार्च तक चलेगी।
सभी कक्षाओं की परीक्षा दो पाली में आयोजित होगी। पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक एवं दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर एक से तीन बजे तक होगी।
परीक्षार्थियों को अंक नहीं, मिलेगा ग्रेड
कक्षा एक से आठ तक की वार्षिक परीक्षा में बच्चों को ग्रेड प्रदान किया जाएगा। ग्रेड के आधार पर बच्चों के अंक प्रतिशत का आंकलन किया जा सकता है। दरअसल, विद्यालयों के पढ़ाई में कमजोर कक्षा एक आठ तक के बच्चों के लिए मिशन दक्ष के तहत लिए विशेष कक्षाएं प्रतिदिन हो रही हैं।
इस कारण विभागीय निर्देश है कि यदि कोई बच्चा वार्षिक परीक्षा में असफल होता है तो उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक जिम्मेवार माने जाएंगे। ऐसे में परीक्षा सिर पर देख शिक्षक कमजोर बच्चों को पढ़ाने में व्यस्त हैं। इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विभाग को भेजी जा रही है।यह भी पढ़ें-Bihar Politics: एक और मुश्किल में फंसेंगे लालू और तेजस्वी यादव! इस मामले में थाने में शिकायत दर्ज, जांच शुरू
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