Bihar News: बिहार में नदियों में नाव चलाने के पहले कराना होगा रजिस्ट्रेशन, इंजन लगाने की मंजूरी भी जरूरी
Bihar Boat Registration बिहार सरकार ने नदियों में अवैध बालू खनन और नौका दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नावों के लिए नियमावली बनाने का निर्णय लिया है। नई नियमावली के तहत नाव मालिकों को निबंधन कराना होगा बिना निबंधन पर जुर्माना लगेगा। नावों पर भार क्षमता प्रदर्शित करनी होगी और शाम 530 बजे के बाद नाव परिचालन प्रतिबंधित होगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार में अवैध बालू खनन पर रोक के साथ ही नदियों में आए दिन होने वाली नौका दुर्घटना एक बड़ी समस्या है। अब सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए नदियों में चलने वाली नावों को नियमों के दायरे में बांधने का निर्णय लिया है। नियम निर्धारित होने से एक ओर जहां अवैध बालू खनन, दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी वहीं सरकार को राजस्व भी प्राप्त होने लगेगा।
प्रदेश सरकार नाव परिचालन को नियमों में बांधने के लिए नौका नियमावली बना रही है। नई नियमावली को लागू करने के पहले पूर्व से लागू बंगाल फेरी अधिनियम 1885 को समाप्त किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार नौका नियमावली बनने के बाद किसी भी नदी में बिना निबंधन नावों का परिचालन नहीं हो सकेगा। नाव मालिक को नदियों में नावें चलाने के पूर्व पंचायती राज विभाग के अधीन नावों का निबंधन कराना होगा।
बिना निबंधन नदियों में नाव चलाने पर उसके मालिक को मोटा जुर्माना भरना होगा। यदि नाविक अपनी नाव में किसी प्रकार का बदलाव करते हैं या फिर डीजल इंजन या दूसरी कोई मशीन लगाते हैं तो उन्हें इसके लिए सरकार से अनुमति प्राप्त करनी होगी।
सूत्रों ने बताया कि नाविकों को नियमावली बनने और प्रभावी होने के बाद अपनी नाव पर यह प्रदर्शित करना होगा कि नाव कितना भार उठा सकती है। नाविकों को इसके लिए अपनी नाव पर एक सफेद पट्टी बनाकर भार क्षमता प्रदर्शित करनी होगी।
महत्वपूर्ण यह है कि शाम साढ़े पांच बजे के बाद किसी भी नदी में नाव का परिचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा। यहां बता दें के नदियों से अधिकांश अवैध बालू खनन रात में ही होता है। इस नियम के प्रभावी होने से अवैध खनन पर रोक संभव हो सकेगी।
नावों में डीजल इंजन या मशीन लगाने के लिए भी अनुमति लेनी होगी। नाव पर कितना भार लाद सकते हैं इसके लिए नाविक को अपनी नाव पर बकायदा एक सफेद पट्टी बनाकर भार क्षमता प्रदर्शित करना होगा। नाव घाटों पर प्रशिक्षित तैराकों, गोताखोरों, और नजदीकी पुलिस थाने और जिला प्रशासन के प्रमुख पदाधिकारियों के फोन नंबर प्रदर्शित करने होंगे। नियमावली प्रभावी होने के बाद नदियों में शाम साढ़े पांच बजे के बाद नावों का परिचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
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