Bihar Bridge Collapse: बिहार में चल पड़ा पुलों के ध्वस्त होने का सिलसिला, पिछले 15 दिन में गिर गए इतने ब्रिज
बिहार में जब से मानसून की बारिश शुरू हुई है तभी से पुलों के ध्वस्त होने का सिलसिला चल पड़ा है। कई जिलों में तो दो-दो तीन-तीन पुल गिर चुके हैं। बिहार में पुल गिरने का सिलसिला 18 जून को अररिया से शुरू हुआ था। वहीं पिछले 24 घंटों में सिवान सारण में पानी के तेज बहाव से पांच पुल ध्वस्त हो गए।
जागरण टीम, पटना/सिवान/सारण। हाल के कुछ दिनों में बिहार में पुलों के ध्वस्त होने का सिलसिला-सा चल पड़ा है। 18 जून को अररिया जिले में बकरा नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया। 22 जून को सिवान में गंडक नदी पर बने पुल ने जलसमाधि ले ली। अगले दिन 23 जून को पूर्वी चंपारण और 27 व 30 जून को किशनगंज में पुल के ध्वस्त होने की घटनाएं होती रहीं।
तीन जुलाई को तो हद ही हो गई। सारण और सिवान जिलों में एक दिन में पांच पुल ढह गए। इसमें एक पुल ब्रिटिशकाल का भी है। पुलों के ढहने का प्राथमिक कारण पानी का तेज बहाव बताया जा रहा है, लेकिन इसी तेज बहाव में काफी पहले के बने पुल सही-सलामत हैं। पुल ध्वस्त होने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
सिवान में गिरा पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा
सिवान में टेघड़ा-तेवथा के बीच बने तीन पाया वाला पुल की लंबाई 13 फीट तथा चौड़ाई आठ फीट थी। इसका निर्माण 35 वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित कर कराया था। इससे गोहपुर, मिश्रवलिया, बजरहियां, पांडेपुर, खंहौरी, नौतन गांव का संपर्क टूट गया है।महाराजगंज के देवरिया में ध्वस्त हुआ पुल, 10 लाख की लागत से बना था
सिवान में महाराजगंज के देवरिया में पुल ध्वस्त होने से महाराजगंज व दारौंदा प्रखंड के कई गांवों का संपर्क टूट गया। देवरिया गांव में बना तीन पाया के पुल की लंबाई 30 फीट व चौड़ाई 12 फीट थी। तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह के सांसद मद से 2004 में करीब 10 लाख की लागत से बना था।
सिवान में नौतन-सिकंदरपुर गांव के समीप बना तीन पाया वाले पुल की लंबाई 15 फीट व चौड़ाई 10 फीट थी। पुल का निर्माण तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह के सांसद मद से 1998 में छह लाख की लागत से कराया गया था। पुल ध्वस्त होने से हजारों लोगों को परेशानी हो रही है।
सारण में गंडक नदी पर बना पुल ध्वस्त
सारण की दंदासपुर पंचायत के सारण गांव के पास गंडकी पर ही बना डेढ़ सौ साल पुराना ब्रिटिश कालीन पुल ध्वस्त हो गया। इससे अब तक आवागमन हो रहा था और लोग समानांतर पुल बनाने की मांग कर रहे थे। इसके अलावा बसही गांव में बने एक और ब्रिटिश कालीन पुल की हालत काफी खराब है।
सारण के लहलादपुर प्रखंड के श्रीढ़ोढ़नाथ मंदिर के समीप गंडकी नदी पर पुल का निर्माण 2004 में हुआ था। इसके समानांतर जर्जर ब्रिटिश कालीन पुल अब तक खड़ा है। 22 लाख की लागत से बने इस पुल की लंबाई लगभग 70 फीट थी। पानी के तेज बहाव के कारण पुल देखते-देखते पुल गिर गया।ये भी पढ़ें- Bihar Petrol VAT: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, पेट्रोलियम डीलर्स को वैट रिटर्न दाखिल करने से मिली छूट
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