Bihar Latest News बिहार में जून माह से ही एक के बाद एक कई पुल गिरने लगे हैं। कुछ पुल निर्माणधीन थे और उनका उद्घाटन भी जल्द होने वाला था तो कुछ कई साल पुराने थे। ऐसे में ये सिलसिला देख अधिकारियों की चिंता अब बढ़ गई है और एक बार फिर तीन साल पहले चर्चा में रही योजना को आगे बढ़ाने पर विचार हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। पुलों के गिरने के बाद सर्वे और हेल्थ कार्ड जारी करने की चर्चा हो रही है, असल में यह योजना तीन साल से अधिक पुरानी है। बड़ी संख्या में पुलों के गिरने से पहले ही राज्य सरकार पुलों और सड़कों के रख रखाव को लेकर चिंतित थी, लेकिन यह चिंता उस समय सामने आई, जब दर्जनभर से अधिक पुल-पुलिया ध्वस्त हो गए। अच्छी बात यह रही है कि इनसे जानमाल की क्षति नहीं हुई।
मगर, पुलों के निर्माण और खासकर रख रखाव को लेकर सरकार को चिंता में डाल दिया है।
तीन साल पहले राज्य के पथ निर्माण मंत्री थे नितिन नवीन। अभी नगर विकास मंत्री हैं। 11 अगस्त 2021 को उन्होंने घोषणा की- सड़कों और फ्लाईओवरों की देखरेख के लिए हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा।
यह राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मील का पत्थर साबित होगा। हेल्थ कार्ड में पूरी जानकारी होगी। कब बना, क्या-क्या परिवर्तन लाए गए। भविष्य में क्या परिवर्तन लाने हैं, क्या बदलाव करने हैं। इससे पुलों व सड़कों की उम्र अधिक होगी। नितिन ने घोषणा की। मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित हुआ।
2022 में बदल गई सरकार
तीन साल बाद फिर हेल्थ कार्ड का मुद्दा उभरा है। 2022 में राज्य सरकार की संरचना में बदलाव आया। नितिन की जगह राजद के तेजस्वी यादव पथ निर्माण मंत्री बने। उसके 17 महीने बाद फिर सरकार की संरचना बदली। तेजस्वी की जगह भाजपा के विजय सिन्हा इस विभाग के मंत्री बने। लेकिन, पुलों के गिरने से पहले यह मामला मार्च 2021 के स्तर पर था। अब आगे बढ़ा है।
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इससे पहले मार्च 2021 भी सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि पुलों की सेहत पर नजर रखने के लिए पथ निर्माण विभाग ब्रिज मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम तैयार करेगा। यह लंबी अवधि के पुलों के रख रखाव को लेकर बन रही दीर्घकालीन पुल संधारण नीति का हिस्सा होगा।
इसके तहत संबंधित पुल के निर्माण से जुड़े पूरे विवरण को जुटाया जाएगा। पूरी कंस्ट्रक्शन हिस्ट्री को खंगाला जाएगा। इसमें पुल की तकनीकी विशेषता, पुल की भार क्षमता की जानकारी भी दी जाएगी। पुल की उम्र को केंद्र में रख एज मैपिंग और हेल्थ कार्ड तैयार किए जाएंगे। पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा।