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बिहार बजट 2022: पांच साल में लगातार बढ़ी है सरकार की आमदनी, ये विभाग कर रहे खूब कमाई

Bihar Budget 2022 बिहार में सरकार के बजट का आकार ही नहीं सरकार की आमदनी भी बढ़ी शत प्रतिशत वसूली की ओर बढ़ रहे राजस्व विभाग कोरोना काल में आमदनी बढ़ाने में सफल रहे सरकार के कई विभाग

By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Thu, 24 Feb 2022 11:30 AM (IST)
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लगातार बढ़ रही बिहार सरकार की आमदनी। प्रतीकात्मक तस्वीर
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Budget 2022: यह राज्य सरकार की उपलब्धि कही जाएगी कि साल दर साल बजट का आकार ही नहीं बढ़ रहा है, बल्कि आमदनी भी बढ़ी है। कोरोना संकट के बावजूद राज्य सरकार अपने हिस्से के कर वसूली का लक्ष्य पूरा करने जा रही है। आंकड़ा बता रहा है कि 31 मार्च को जब चालू वित्तीय वर्ष का खाता बंद होगा, राजस्व वसूली का लक्ष्य शत प्रतिशत पूरा रहेगा। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने अपने आंतरिक स्रोतों से 35 हजार 50 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया था। 22 फरवरी तक सरकार के खजाने में 31 हजार पांच सौ 59 करोड़ रुपये आ चुके हैं।

उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बुधवार को दावा किया कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले कर राजस्व प्राप्तियां शत प्रतिशत होंगी। यह बताता है कि राज्य की आर्थिक गतिविधियां कोरोना पूर्व की स्थिति में पहुंच रही है। सभी स्तर के कारोबार में तेजी आई है। बेशक, इसमें वाणिज्य कर और दूसरे विभागों की सक्रियता का भी योगदान है। करों की चोरी को रोकने के लिए किए गए सख्त उपाय महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।

आगे है वाणिज्य कर विभाग

करों की वसूली में वाणिज्य कर विभाग सबसे आगे है। कर राजस्व के 65-70 प्रतिशत हिस्से की वसूली की जिम्मेदारी इसी विभाग को है। साढ़े 35 हजार करोड़ रुपये के कुल कर राजस्व में 27 हजार 50 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य वाणिज्य कर विभाग को दिया गया है। 22 फरवरी तक 24 हजार सात सौ 12 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। तारकिशोर प्रसाद ने दावा किया कि बचे हुए दिनों में शेष राशि की उगाही भी हो जाएगी।

दूसरे विभाग भी हैं सक्रिय

कर राजस्व वसूली के लिहाज से वाणिज्य कर के अलावा स्टांप एवं निबंधन शुल्क, परिवहन एवं भू राजस्व से सरकार ने आठ हजार करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा था। यह भी छह हजार, आठ सौ 47 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इन विभागों से भी शत प्रतिशत उपलब्धि की उम्मीद की जा रही है।

यह है पृष्ठभूमि 

बीते पांच वर्षों का आकलन करें तो हर साल सरकार कर राजस्व का लक्ष्य बढ़ा देती है। यह 2017-18 में 23 हजार एक सौ 36 करोड़ रुपये था। 2018-19 में 29 हजार चार सौ आठ करोड़ हो गया। इसके अगले वित्तीय वर्ष 2019-20 में 30 हजार, एक सौ 57 करोड़ रुपये तय किया गया। पिछले वित्तीय वर्ष में इसमें करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। 34 हजार सात सौ 50 करोड़ का लक्ष्य रखा गया। चालू वित्त वर्ष की बुनियाद कोरोना संकट पर पड़ी थी। सो, लक्ष्य में सिर्फ तीन सौ करोड़ रुपया बढ़ाया गया।

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