Bihar Bypoll: 4 सीटों पर कौन करेगा खेल और कौन होगा फेल? अब होगी 'अग्निपरीक्षा'; कुशवाहा-वैश्य वोटरों पर नजर
बिहार उपचुनावों के नतीजे एनडीए और महागठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा हैं। कुशवाहा और वैश्य मतदाताओं पर सबकी नजर है। क्या एनडीए अपने नाराज मतदाताओं को मना पाएगा? क्या महागठबंधन का नया वोट बैंक बना रहेगा? परिवारवाद का बढ़ता चलन भी अहम मुद्दा है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी मैदान में है। जन सुराज चारों सीटों पर लड़ रही है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Bypoll News उपचुनावों के परिणाम की व्याख्या का स्थायी भाव होता है। सत्तारूढ़ दल की हार होती है तो विपक्ष कहता है कि यह सरकार की विदाई का संकेत है। जीत विपक्ष की होती है तो सरकारी दल कंधे ऊंचा कर कह देता है- इस परिणाम से हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव नहीं पड़ता है।
बेलागंज, तरारी, ईमामगंज और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव के परिणाम की ऐसी ही व्याख्या होगी, लेकिन परिणाम यह भी बताएगा कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) के समय एनडीए (NDA) से बिदककर महागठबंधन के साथ जुड़ गए कुछ सामाजिक समूहों का मन बदला है या नहीं।
एनडीए को तीन लोकसभा सीटों पर मिली थी निराशा
आरा लोकसभा क्षेत्र के तरारी, विक्रमगंज के रामगढ़, औरंगाबाद के ईमामगंज और गया लोकसभा क्षेत्र के बेलागंज विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे हैं। गया को छोड़कर सभी तीन लोकसभा सीटों पर एनडीए की हार हो गई थी, जबकि इन चारों विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन के लोकसभा उम्मीदवारों को बढ़त मिली थी।कुशवाहा और वैश्य वोटरों पर खास नजर
लोकसभा की तीन सीटों पर एनडीए की हार का कारण यह बताया गया कि उसके परम्परागत वोटर कुशवाहा और वैश्य बिदककर महागठबंधन के पक्ष में खड़े हो गए थे। महागठबंधन परिणाम से उत्साहित हुआ कि उसे नया वोट बैंक मिल गया। दक्षिण बिहार और शाहाबाद की हार ने एनडीए को चिंतित भी किया, इसलिए विस उपचुनाव में एनडीए ने कुशवाहा और वैश्य वोटरों पर पूरा ध्यान दिया।
परिणाम यही बताएगा कि अपने बिदके वोटरों को मनाने में एनडीए सफल हुआ या नहीं। यह भी कि लोकसभा चुनाव के समय कुशवाहा और वैश्य वोटरों का महागठबंधन से जुड़ाव तत्कालिक था या विस उपचुनाव के साथ आगे भी बना रहेगा। राजनीति में परिवारवाद के बढ़ते चलन पर भी यह परिणाम जनता की राय प्रकट करेगा।
परिवारवाद का बज रहा डंका
सभी चारों क्षेत्रों में परिवारवाद का प्रतिनिधित्व करने वाले उम्मीदवार खड़े हैं। बेलागंज में सांसद सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ कुमार सिंह (राजद), गया में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी (हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा), रामगढ़ में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के पुत्र अजित सिंह (राजद) एवं तरारी में पूर्व विधायक सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत (भाजपा)। बेलागंज की जदयू उम्मीदवार मनोरमा देवी भी परिवार परम्परा का ही प्रतिनिधित्व करती हैं।
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