Move to Jagran APP

बिहार कैबिनेट का फैसला : अब मैट्रिक नहीं, इंटर पास ही बनेंगे होमगार्ड

अब होमगार्ड जवानों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक नहीं, इंटरमीडिएट करने का फैसला लिया गया है। बिहार की कैबिनेट ने यह फैसला सुनाया है।

By Kajal KumariEdited By: Updated: Sat, 06 May 2017 07:04 PM (IST)
Hero Image
बिहार कैबिनेट का फैसला : अब मैट्रिक नहीं, इंटर पास ही बनेंगे होमगार्ड
पटना [जेएनएन]। अब बिहार में मैट्रिक पास नहीं बल्कि इंटर पास ही बन सकेंगे होमगार्ड। राज्य में होमगार्ड बनने की पहले न्यूनतम योग्यता मैट्रिक पास थी, लेकिन अब न्यूनतम योग्यता इंटर पास होगी। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में बिहार होमगार्ड सेवा नियमावली 2005 में संशोधन कर दिया गया।

कैबिनेट की बैठक में यह भी कहा गया कि सेवाकाल में होमगार्ड के मृत सेवकों के आश्रितों को अनुकंपा पर सिपाही अथवा समकक्ष पद पर तैनाती के लिए आयुसीमा व शारीरिक मापदंड में छूट की शक्ति महासमादेष्टा को डीजीपी के ही समान होगी।

इसके अलावे एक हजार से अधिक कर्मचारियों वाले सभी सरकारी कार्यालयों में तीन-तीन अग्निशमन कर्मियों की तैनाती होगी। एक फायर अफसर व दो फायर मैन होंगे। इनकी तैनाती मुख्य सचिवालय, विकास भवन, सिंचाई भवन, विश्वेश्वरैया भवन, मुख्यमंत्री सचिवालय और संवाद में होगी। वहीं राजभवन, हाईकोर्ट व नियोजन भवन में दो-दो कर्मियों की तैनाती होगी।

पशुओं पर क्रूरता रोकने को हर जिले में बनेगी सोसायटी

पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए सभी जिलों में पशु क्रूरता निवारण सोसाइटी का गठन किया जाएगा। बैठक में सोसाइटी को अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। राज्य सरकार ने 10 साल पहले पशु क्रूरता निवारण सोसाइटी के गठन का फैसला किया था। लेकिन इसका गजट प्रकाशन नहीं हो सका था।

कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि सोसाइटी का मुख्य जिम्मा पशुओं पर अत्याचार रोकना होगा। पशुओं की तस्करी रोकने, संरक्षण करने और लोगों को जागरूक बनाने का प्रयास होगा। पशुओं के परिवहन का इंतजाम कराया जाएगा।

ज्यादा दूध के उत्पादन के लिए पशुओं को इंजेक्शन लगाने वाले पशुपालकों पर सख्ती की जाएगी। हर जिले में डीएम पशु क्रूरता निवारण सोसाइटी के अध्यक्ष होंगे। एसपी को उपाध्यक्ष और जिला पशुपालन पदाधिकारी को सचिव बनाया जाएगा। आम चुनाव से चार सदस्यों का चयन होगा।

कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल कर्मियों को 5 साल के लिए सेवा विस्तार

राज्य आपदा रिस्पांस बल में कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल कर्मियों को दो की बजाए पांच साल के लिए सेवा विस्तार मिलेगा। सेना और नौ-सेना के सेवानिवृत्त जवानों, अधिकारियों और बिहार गृह रक्षा वाहिनी (स्पेशल बटालियन) के जवानों की तैनाती के लिए नियमों में बदलाव किया गया है।

जूनियर कमीशन और नन कमीशन प्राप्त अधिकारियों की नियुक्ति की अधिकतम उम्र सीमा 50 वर्ष व कमीशन प्राप्त अधिकारियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 55 वर्ष होगी। जवानों की नियुक्ति की अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष होगी। सभी की नियुक्ति 3 वर्ष के लिए होगी।

पुरानी व्यवस्था में दो वर्ष का सेवा विस्तार मिलता था। अब कार्यदक्षता व आचरण के आधार पर पांच साल के लिए सेवा विस्तार मिलेगा। विशेष परिस्थिति में दो वर्ष का अतिरिक्त सेवा विस्तार मिलेगा। पर किसी भी परिस्थिति में 60 वर्ष की उम्र के बाद सेवा विस्तार नहीं मिलेगा।

हटाए गए जिला जज की फिर से बहाली

सरकार ने जहानाबाद के तत्कालीन जिला व सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव को फिर से बहाल कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। श्रीवास्तव को हाईकोर्ट ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर हटा दिया था।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।